राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा लगाए गए अवैध खनन के आरोपों पर तथ्यात्मक स्थिति की जांच करने और उचित उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया है।
ओवरलोडेड ट्रकों से पटपड़ गंज पुल और सड़क क्षतिग्रस्त
एनजीटी ने एक पैनल का गठन किया जिसमे राजा राम सिंह द्वारा बृज भूषण शरण सिंह पर तरबगंज और गोंडा जिले के माझारथ, जैतपुर और नवाबगंज जैसे गांवों में अवैध खनन को लेकर लगाए गए आरोपों की जांच की जएगी। राजा राम सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि, लगभग 20 लाख घन मीटर लघु खनिजों के अवैध परिवहन, भंडारण और बिक्री के लिए हर दिन 700 से अधिक ओवरलोडेड ट्रकों का उपयोग किया जाता था।
साथ ही उन्होंने दावा किया कि इन ओवरलोडेड ट्रकों से पटपड़ गंज पुल और सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी (न्यायिक सदस्य) और डॉ ए सेंथिल वेल (विशेषज्ञ सदस्य) की पीठ ने 2 अगस्त को कहा कि, “प्रथम दृष्टया आवेदन में दिए गए कथन अधिनियमों के कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले पर्यावरण से संबंधित प्रश्न उठाते हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 की अनुसूची I
एनजीटी ने अगली सुनवाई 7 नवंबर 2023 को की तय
पीठ ने कहा कि “आवेदन में दिए गए कथनों के मद्देनजर, हम इसे उचित मानते हैं कि तथ्यात्मक स्थिति को सत्यापित करने और उचित उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया जाए।” एनजीटी ने मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर, 2023 को तय करते हुए दो महीने के भीतर एक तथ्यात्मक और की गई कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा है। “तदनुसार, हम एक संयुक्त समिति का गठन करते हैं जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और जिला मजिस्ट्रेट शामिल हैं।