राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में विवादित भूमि का एक-तिहाई हिस्सा पाने वाले पक्षों में से एक निर्मोही अखाड़ा ने मंगलवार को केंद्र सरकार की उस याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का का रुख किया, जिसमें अधिग्रहित 67.7 एकड़ जमीन में से अधिकांश हिस्सा जारी करने का आग्रह किया गया है।
अखाड़ा ने कहा कि सरकार इस जमीन को किसी को नहीं दे सकती। अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट से रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला करने का आग्रह करते हुए आरोप लगाया कि सरकार द्वारा भूमि के अधिग्रहण से उसके द्वारा प्रबंधित विभिन्न मंदिर नष्ट हो गए थे।
केंद्र ने अपने पहले के आदेश को संशोधित करने और अतिरिक्त जमीन उसके मूल मालिकों को लौटाने का आग्रह करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी। इसके आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की जानी बाकी है, क्योंकि इसने विवाद के सौहार्द्रपूर्ण तरीके से निपटारे के लिए मध्यस्थता का आदेश दिया है।