उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की सोन और हरदी पहाड़ी में तीन हजार टन सोना मिलने की संभावना के दावा को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने शनिवार को खारिज कर दिया। जीएसआई के निदेशक डॉ. जी.एस. तिवारी ने कहा कि ‘सोनभद्र जिले में सिर्फ 52,806.25 टन स्वर्ण अयस्क मिलने की संभावना है, जिसमें कुल 160 किलोग्राम सोना निकल सकता है।’
सोनभद्र जिले के खनिज अधिकारी के.के. राय ने शुक्रवार को दावा किया था कि ‘सोनभद्र की सोन पहाड़ी और हरदी पहाड़ी में क्रमश: 2,943.26 टन और 646.16 टन सोने का भंडार मिला है।’ लेकिन भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के निदेशक डॉ. जी.एस. तिवारी ने शनिवार को कहा कि ‘जीएसआई ने सोनभद्र में इस तरह के भंडार का अनुमान नहीं लगाया है। बल्कि 52,806.25 टन स्वर्ण अयस्क मिला है, न कि शुद्ध सोना।’
उन्होंने बताया कि मिले स्वर्ण अयस्क में सिर्फ 3.03 ग्राम प्रति टन शुद्ध सोना निकल सकता है, जो लगभग पूरे अयस्क में 160 किलोग्राम ही हो सकता है।
वहीं, कोलकाता में जीएसआई के महानिदेशक एम. श्रीधर ने कहा कि ‘जीएसआई की ओर से इस तरह का डाटा किसी को नहीं दिया जाता। जीएसआई ने सोनभद्र में इतना सोना होने का अनुमान नहीं लगाया।’
उन्होंने कहा कि राज्य यूनिट के साथ सर्वे करने के बाद किसी धातु के मिलने की जानकारी साझा की जाती है। जीएसआई (उत्तर क्षेत्र) ने इस क्षेत्र (सोनभद्र) में 1998-99 और 1999-2000 में खुदाई की थी, वह रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के डीजीएम के साथ साझा कर दी गयी थी, ताकि आगे की कार्रवाई कर सकें।
श्रीधर ने कहा, ‘सोने के लिए जीएसआई की तरफ से चली खुदाई संतोषजनक नहीं थी और हम सोनभद्र जिले में सोने के विशाल स्रोत के परिणाम से भी बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं थे।