कानपुर के व्यवसायी पीयूष जैन की हिरासत के लिए आवेदन करेगा राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), दरअसल पिछले महीने पीयूष जैन के परिसर से भारी मात्रा में सोना और नकदी जब्त की गयी थी और बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों ने कहा कि डीआरआई जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की छापेमारी के दौरान पीयूष जैन से उनके आवास से बरामद 23 किलो सोना के बारे में पूछताछ करना चाहते हैं।
DRI ने पियूष जैन की हिरासत बढ़ने के लिए किया आवेदन
पीयूष जैन फिलहाल कानपुर जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। केंद्रीय एजेंसी उद्योगपति के रिमांड के लिए अदालत जाएगी और फिर उनसे से सवाल करेगी कि उनके पास इतना सोना कैसे आया। परफ्यूम के कारोबार से जुड़े पीयूष जैन को 26 दिसंबर को टैक्स चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कानपुर और कन्नौज में जैन के आवास और कारखाने में छापे की एक श्रृंखला में 197.49 करोड़ रुपये नकद, 23 किलो सोना और 6 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का अन्य सामान मिला था।
नकदी की अब तक की है सबसे बड़ी जब्ती
वित्त मंत्रालय ने कहा था कि यह एक प्रवर्तन एजेंसी द्वारा "नकदी की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती" थी। मामले से वाकिफ एक अधिकारी ने बताया कि यह पैसा माल ट्रांसपोर्टर द्वारा फर्जी इनवॉयस और बिना ई-वे बिल के माल भेजने से जुड़ा था। प्राथमिक जांच से पता चला था कि पीयूष जैन से जुड़ी एक फर्म दुबई में इत्र के लिए कच्चा माल भेज रही थी, जिसके बदले में उसे कथित तौर पर छापे के दौरान जब्त की गई सोने की छड़ें (विदेशी चिह्नों के साथ) प्राप्त हो रही थीं।
स्विट्जरलैंड कनेक्शन पर होगी पूछताछ
सूत्रों ने यह भी कहा कि सिंगापुर में इत्र के लिए कच्चा माल भेजने के दौरान कथित तौर पर इसी तरह के तौर-तरीकों का इस्तेमाल किया गया था। पीयूष जैन पर अंतरराष्ट्रीय चिह्नों वाले सोने की बरामदगी के बाद डीआरआई को पीयूष जैन की जांच में शामिल किया गया था। बता दें कि जब्त सोने के स्विट्जरलैंड कनेक्शन को छिपाने के लिए कंपनी के नाम खरोंच कर हटा दिए गए थे। डीआरआई को शक है कि जिन कंपनियों के नाम खरोंच कर मिटा दिए गए हैं, अनुमान लगाया जा रहा है कि यह दोनों ही कंपनियां स्विट्जरलैंड की हैं।