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वाराणसी के लोगों से बोले PM मोदी-कोरोना वायरस हमारी संस्कृति और संस्कार नहीं मिटा सकता

प्रधानमंत्री ने कहा,महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता गया था। आज कोरोना के खिलाफ जो युद्ध पूरा देश लड़ रहा है। उसमें 21 दिन लगने वाले हैं। हमारा प्रयास है इसे 21 दिन में जीत लिया जाए।

कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, कोरोना वायरस न हमारी संस्कृति को मिटा सकता है और न ही हमारे संस्कार मिटा सकता है। इसलिए, संकट के समय हमारी संवेदनाएं और जागृत हो जाती हैं।
वाराणसी के सांसद के रूप में, इस समय मुझे आपके साथ होना चाहिए था, लेकिन राजधानी दिल्ली में जो चीजें चल रही हैं, आप जानते हैं। यहां व्यस्त होने के बावजूद, मैं अपने सहयोगियों से वाराणसी के बारे में नियमित जानकारी ले रहा हूं। उन्होंने महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता गया था। आज कोरोना के खिलाफ जो युद्ध पूरा देश लड़ रहा है। उसमें 21 दिन लगने वाले हैं। हमारा प्रयास है इसे 21 दिन में जीत लिया जाए। 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण महारथी, सारथी थें, आज 130 करोड़ महारथियों के बलबूते पर हमें कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को जीतना है। इसमें काशीवासियों की बहुत बड़ी भूमिका है। काशी का अनुभव शाश्वत, सनातन, समयातीत है। और इसलिए, आज लॉकडाउन की परिस्थिति में काशी देश को सिखा सकती है-  संयम, समन्वय, संवेदनशीलता। काशी देश को सिखा सकती है- सहयोग, शांति, सहनशीलता। काशी देश को सिखा सकती है- साधना, सेवा, समाधान। 
उन्होंने कहा,कोरोना बीमारी के देखते हुए देशभर में व्यापक तैयारियां की जा रही है। सभी को इस समय घरों में रहना अति आवश्यक है। यही इस बीमारी से बचने का बेहतर उपाय है। कोरोना से जुड़ी सही और सटीक जानकारी के लिए सरकार ने WhatsApp के साथ मिलकर एक हेल्पडेस्क भी बनाई है। अगर आपके पास WhatsApp की सुविधा है तो आप इस नंबर 9013151515 पर ‘नमस्ते’ खिलकर भेजेंगे तो आपको उचित जवाब मिलना शुरू हो जाएगा। 

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोरोना से संक्रमित दुनिया में 1 लाख से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं। भारत में भी दर्जनों लोग कोरोना के शिकंजे से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा, कई बार लोग उन चीजों पर ध्यान नहीं देते जो महत्वपूर्ण हैं। ऐसा ही भारत में हो रहा है। मैं लोग से अनुरोध करता हूं कि वे तथ्यों को समझें और अफवाहों पर विश्वास न करें। कोरोना अमीर और गरीब के साथ भेदभाव नहीं करता है। यह किसी को भी नहीं बख्शेगा भले ही वह रोजाना योग या व्यायाम करते हो।
उन्होंने कहा, मेरा ऐसे लोगों से आग्रह है कि गलतफहमी से बाहर निकलें और सच्चाई को समझें। ये बीमारी किसी के साथ भेदभाव नहीं करती। समृद्ध लोगों या व्यायाम करने वालों को भी ये वायरस अपने चपेट में लेता है। बीमारी कितनी भयानक है ये समझना जरूरी है। कुछ स्थानों से ऐसी घटनाओं की जानकारी भी मिली है, जिससे हृदय को चोट पहुंची है। मेरी सभी नागरिकों से अपील है कि कहीं आपको डॉक्टर, नर्स या मेडिकल स्टाफ के साथ कोई बुरा बर्ताव होता दिख रहा हो तो आप वहां जाकर लोगों को समझाएं कि आप गलत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोरोना वायरस न हमारी संस्कृति को मिटा सकता है और न ही हमारे संस्कार मिटा सकता है। इसलिए, संकट के समय हमारी संवेदनाएं और जागृत हो जाती हैं। कोरोना को जवाब देने का दूसरा एक ताकतवर तरीका है और वो है करुणा। कोरोना का जवाब करुणा से। हम गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति करुणा दिखाकर भी कोरोना को पराजित करने का एक कदम ये भी ले सकते हैं।

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देश में कोरोना की मौजूदा स्तिथि को देखते हुए उन्होंने कहा, अगर मैं कहूं कि सब कुछ ठीक है, सब कुछ सही है, तो मैं मानता हूं कि ये खुद को भी धोखा देने वाली बात होगी। इस समय केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें, जितना ज्यादा हो सके, जितना अच्छा हो सके, इसके लिए भरसक प्रयास कर रही हैं। ऐसे में जब देश के सामने इतना बड़ा संकट हो, पूरे विश्व के सामने इतनी बड़ी चुनौती हो, तब मुश्किलें नहीं आएंगी, सब कुछ अच्छा होगा, ये कहना अपने साथ धोखा करने जैसा होगा।
अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि प्रशासन पर कम से कम दबाव डालें, प्रशासन का सहयोग करें। अस्पताल में काम करने वाले, पुलिसकर्मी, सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले, हमारे मीडियाकर्मी इन सभी का हमें हौसला बढ़ाना चाहिए। कोरोना के संक्रमण का इलाज अपने स्तर पर बिल्कुल नहीं करना है, घर में रहना है और जो करना है डॉक्टरों की सलाह से ही करना है।
आपने खबरों में भी देखा होगा कि दुनिया के कुछ देशों में अपनी मर्जी से दवाएं लेने के कारण कैसे जीवन संकट में पड़ रहे हैं। हम सभी को हर तरह के अंधविश्वास से, अफवाह से बचना है। आप सभी ने देखा होगा कि मानवजाति कैसे इस संकट से जीतने के लिए एक साथ आ गई है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभा रही है हमारी बाल सेना। 4-5 साल के बच्चे अपने परिजनों को जागरूक कर रहे हैं। 
कई परिवारों ने सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियो शेयर की है। पूरे देश से हजारों प्रबुद्ध नागरिकों ने इस महामारी से निपटने के लिए सख्ती से लॉकलाउन लागू कराने की अपील की है। जब हमारे देशवासियों में ये दृढ़ इच्छा शक्ति हो, तो मुझे विश्वास है कि देश इस महामारी को जरूर हराएगा।

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