उम्भा कांड की दूसरी बरसी मनाने जा रहे 28 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच नोंकझोंक भी हुई। 17 जुलाई 2019 में सोनभद्र जिले के घोरावल थाना क्षेत्र के उम्भा गांव में जमीनी विवाद में हुए खूनी संघर्ष में 11 आदिवासियों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद उम्भा सुर्खियों में आया था।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राज सिंह गोड, उपाध्यक्ष अरविंद सिंह जगदीश मिश्रा संगीता श्रीवास्तव एवं जिला सचिव शत्रुंजय मिश्रा उम्भा की घटना की दूसरी बरसी में शामिल होने के लिए जा रहे थे। वह लोग उम्भा मोड़ पर पहुंचे कि पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस और कांग्रेसी नेताओं में हल्की नोकझोंक भी हुई।
पार्टी के जिला उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने कहा कि प्रशासन द्वारा कांग्रेस जिला अध्यक्ष को हिरासत में लेना लोकतंत्र की हत्या है। बीजेपी सरकार में लोगों को बरसी मनाने तक नहीं दिया जा रहा है। ये तानाशाही सरकार है। जिला उपाध्यक्ष संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार के इशारे पर कार्यक्रम को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला सचिव शत्रुंजय मिश्रा ने कहा कि योगी सरकार डरी हुई है लगातार आंदोलनों कुचलने का प्रयास कर रही ऐसी सरकार को जनता 2022 में जरूर सबक सिखाएगी। इस दौरान लल्लुराम पाण्डेय, संतोष नेताम, रामेश्वर यादव,नामवर कुशवाहा बंशीधर पाण्डेय, आकृति निर्भया, बद्री गोड सहित 28 लोगो को पुलिस हिरासत में लेकर आश्रम पद्धति विद्यालय घोरावल ले गयी। इस बीच दूसरी बरसी की पूर्व संध्या पर प्रशासन शुक्रवार से ही सतर्क हो गया था।
कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों के लोगों की संभावित आवाजाही के साथ ही अन्य बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश रोकने के लिए गांव में जाने वाले सभी रास्तों पर बैरियर स्थापित कर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए थे। खूनी संघर्ष में जान गवांने वाले आदिवासियों की याद में गोंडवाना लैंड पार्टी द्वारा प्रस्तावित श्रद्धांजलि कार्यक्रम के लिए भी प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था।