कानपुर के बिकरू गांव में पिछले हफ्ते आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी पांच लाख रुपये का इनामी बदमाश विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में राज्य पुलिस की एसटीएफ से हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया। दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस अब भी पूरी तरह चौकस है और विकास के सहयोगी और उसके गैंग को शरण देने वालों पर तेजी से निगरानी रख रही है।
इसी कड़ी में दुबे के गुर्गों को शरण देने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। बिल्हौर सीओ संतोष सिंह ने बताया कि आरोपितों की पहचान मध्य प्रदेश के ग्वालियर निवासी ओमप्रकाश पांडेय और सागर ताल के अनिल पांडेय के रूप में हुई है। इन्होने इनामिया अपराधी शशिकांत पांडेय व शिवम दुबे को अपने घर में शरण दिए थे।
उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे के मारे जाने के बावजूद पुलिस की तलाश अभी पूरी नहीं हुयी है। पुलिस अब उन बचे हुये 12 शातिरों की तलाश कर रही है जिन्होेने बिकरू गांव में दो जुलाई की रात दुस्साहिक वारदात को अंजाम दिया था।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को कहा कि बिकरू कांड काे अंजाम देने के मामले में 21 अभियुक्तों को नामजद किया गया था जबकि 60 से 70 अन्य अभियुक्त भी पुलिस के राडार पर है। उन्होने बताया कि विकास दुबे समेत छह नामजद अभियुक्तों को अब तक ढेर किया जा चुका है जबकि तीन को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होने बताया कि अब 21 में से 12 शातिर अब भी खुली हवा में सांस ले रहे है जिनकी तलाश जारी है और उम्मीद है कि उन्हे भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा। वहीं विकास दुबे का भाई दीप प्रकाश दुबे फरार है। विकास की पत्नी ऋचा दुबे और बेटे को एसटीएफ अपने साथ ले गई थी और दोनों कानपुर में पुलिस लाइन में हैं।