प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले साढ़े सात दशक की प्रगति को देखकर ऐसा लगता है कि कुछ हालात ऐसे भी थे जिन्हें दशकों पहले बदला जा सकता था।
कांग्रेस पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के द्वितीय चरण की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा “हम आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं। ऐसे में बीते साढ़े सात दशकों की प्रगति को हम देखते हैं तो पाते हैं कि कुछ स्थितियां ऐसी थी जिनको कई दशकों पहले बदला जा सकता था।”
पीएम बोले – दशकों देशवासियों को करना पड़ा इंतजार
उन्होंने कहा, “घर, बिजली, पानी, शौचालय, रसोई गैस, सड़क, अस्पताल और स्कूल जैसी अनेक मूल आवश्यकताएं हैं, जिनकी पूर्ति के लिए दशकों का इंतजार देशवासियों को करना पड़ा। यह दुखद है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान किसी ने उठाया है तो हमारी माताओं और बहनों ने उठाया है। खासकर गरीब माताओं और बहनों को मुसीबत झेलनी पड़ी है।”
समाज को नहीं मिला पूर्व सरकारों से विश्वास
मोदी ने कहा , “साथियों, ऐसी स्थिति के साथ क्या हम आजादी के 100 वर्ष की तरफ बढ़ सकते हैं। क्या हमारी ऊर्जा सिर्फ मूलभूत जरूरतों को पूरा करने में ही लगी रहेगी। जब मूलभूत सुविधाओं के लिए कोई परिवार, कोई समाज संघर्ष करता रहेगा तो वह अपने बड़े सपनों को कैसे पूरा कर सकता है। सपने पूरे हो सकते हैं, जब तक यह विश्वास समाज को नहीं मिलेगा तब तक उनको पूरा करने का आत्मविश्वास वह कैसे जुटा पाएंगे।’’
बीते छह सालों में मिशन मोड पर हुआ काम
प्रधानमंत्री ने कहा , “वर्ष 2014 में जब देश ने हमें सेवा का अवसर दिया तो ऐसे ही सवालों को हमने खुद से पूछा। तब एकदम स्पष्ट था कि इन सारी समस्याओं का समाधान हमें एक तय समय के भीतर ही खोजना होगा। हमारी बेटियां घर और रसोई से बाहर निकलकर राष्ट्र निर्माण में व्यापक योगदान तभी दे पाएंगी, जब पहले घर और रसोई से जुड़ी समस्याएं हल होंगी इसलिए बीते छह सालों में ऐसे हर समाधान के लिए मिशन मोड पर काम किया गया है।”
स्वच्छ भारत मिशन और आयुष्मान भारत का किया जिक्र
उन्होंने कहा,‘‘ स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश भर में करोड़ों शौचालय बनाए गए हैं, प्रधानमंत्री आवास योजना में करोड़ों गरीबों के पक्के घर बने। इन घरों में अधिकतर का मालिकाना हक बहनों के नाम पर है। सौभाग्य योजना के जरिए लगभग तीन करोड़ परिवारों को बिजली कनेक्शन दिया गया। आयुष्मान भारत योजना 50 करोड़ से अधिक लोगों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दे रही है।’’
उज्जवला योजना में मिला बहुत बड़ा बल
प्रधानमंत्री ने कहा कि बहनों की स्वास्थ्य सुविधा और सशक्तीकरण के संकल्प को उज्जवला योजना में बहुत बड़ा बल दिया गया है। योजना के पहले चरण में आठ करोड़ गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया है। उन्होंने कहा,‘‘ इसका कितना लाभ हुआ है यह हमने कोविड-19 के दौर में देखा है। जब बाहर आना जाना बंद था, काम धंधे बंद थे, तब करोड़ों गरीब परिवारों को कई महीनों तक मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए।’’
भारत में गैस कवरेज शत-प्रतिशत होने के बहुत निकट
उन्होंने कहा,‘‘ उज्जवला योजना का एक और असर यह भी हुआ है कि पूरे देश में रसोई गैस से जुड़े मूलभूत ढांचे का कई गुना विस्तार हुआ है। बीते छह साल में देश भर में 11000 से अधिक नए एलपीजी वितरण केंद्र खोले गए हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में 2014 में 2000 से भी कम वितरण केंद्र थे। आज उत्तर प्रदेश में इनकी संख्या 4000 से ज्यादा हो चुकी है। इससे एक तो हजारों युवाओं को नया रोजगार मिला, वहीं जो परिवार पहले बेहतर सुविधा के अभाव में गैस कनेक्शन से वंचित थे वह भी जुड़ गए। ऐसे ही प्रयासों से आज भारत में गैस कवरेज शत-प्रतिशत होने के बहुत निकट है। वर्ष 2014 तक देश में जितने गैस कनेक्शन थे उनसे अधिक बीते सात साल में दिए गए हैं।’’
सीएम योगी भी महोबा में रहे मौजूद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महोबा जिले में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने उज्ज्वला योजना-दो के 10 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। मोदी ने उज्ज्वला योजना के पहले चरण के पांच लाभार्थियों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत भी की।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों को कुल एक करोड़ 47 लाख 43 हजार 862 एलपीजी कनेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराए गए हैं।
उज्ज्वला योजना के पहले चरण में छूटे हुए और योजना के दायरे में नहीं आने वाले गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण में लाभ मिलेगा। एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक उज्ज्वला योजना की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की पांच करोड़ महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
आठ करोड़ एलपीजी कनेक्शन देने का है लक्ष्य
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2018 में इस योजना का दायरा बढ़ाया गया और इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, प्रधानमंत्री आवास योजना, अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों और अति पिछड़ा वर्ग समेत सात श्रेणियों की महिलाओं को भी शामिल किया गया। साथ ही एलपीजी कनेक्शन के लक्ष्य को आठ करोड़ तक बढ़ाया गया जिसे निर्धारित तिथि से सात महीने पहले अगस्त 2019 में हासिल कर लिया गया।
लाभार्थी के लिए स्वघोषणा पत्र ही होगा काफी
वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एक करोड़ और एलपीजी कनेक्शन बढ़ाने का प्रावधान किया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना-दो के तहत वितरित किए जाने वाले इन एक करोड़ रसोई गैस कनेक्शन के तहत भरा सिलेंडर और चूल्हा मुफ्त में दिया जाएगा। उज्जवला योजना दो का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को बहुत कम औपचारिकताएं करनी होंगी और प्रवासी श्रमिक परिवारों को राशन कार्ड या पते का प्रमाण पत्र लगाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए स्वघोषणा पत्र ही काफी होगा।