उत्तर प्रदेश के आगरा में मंगलवार की देर रात बस के अपहरण की साजिश रचने वाले प्रदीप गुप्ता रेत की तस्करी तथा ट्रकों की अवैध आवाजाही से भी जुड़ा था और उसे इटावा में भ्रष्टाचार विरोधी छापेमारी में गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलित रिकॉर्ड के अनुसार इटावा में 18 मार्च, 2018 को छापा मारा गया था और गुप्ता के अलावा दो सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) को गिरफ्तार किया गया था। गुप्ता जमानत पर छूट गया था।
विश्वसत रिकार्ड के अनुसार छापे की कार्रवाई में 28,63,774 रुपये की नकदी, दो किलोग्राम सोना और दस किलोग्राम चांदी और आधिकारिक मोहर तथा चालान रजिस्टर समेत आरटीओ से संबंधित दस्तावेज बरामद किये गये थे।
इस घटनाक्रम से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘एक पूरी सांठगांठ का खुलासा किया गया है जिससे पता चलता है कि गुप्ता ने कैसे एक बिचौलिये के रूप में काम शुरू किया और फिर परिवहन विभाग में एक समानांतर व्यवस्था बना ली थी।’’
अधिकारी ने बताया, ‘‘पुलिस विभाग और जिला प्रशासन ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया था और गुप्ता को गिरफ्तार किया था। लेकिन गुप्ता अदालत से मिली जमानत पर छूट आता और उसका जीवन ऐसे ही चलता रहा।’’ जिला पुलिस ने 2018 में रेत और मिट्टी को अवैध रूप से ले जा रहे 372 ट्रकों को पकड़ा था।
अधिकारी के अनुसार भ्रष्टाचार विरोधी छापेमारी के दौरान उसके रैकेट के भंड़ाफोड़ से पहले गुप्ता 61 ट्रकों कार मालिक बन गया था। उन्होंने कहा, ‘‘गुप्ता को अदालत से जमानत मिलने के तुरन्त बाद बुधवार को हमने सुना कि यात्री बस के अपहरण के पीछे वह है।’’
गुप्ता राजस्थान के जयपुर का रहने वाला है। उत्तर प्रदेश में 34 यात्रियों को ले जा रही बस के अपहरण मामले के कथित सरगना प्रदीप गुप्ता को पुलिस ने बृहस्पतिवार को फिरोजाबाद में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने बताया कि पुलिस ”सनसनीखेज और भयावह कृत्य” के लिये आरोप पत्र में गुप्ता पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाएगी।