लोगों को काशी विश्वनाथ गलियारा समर्पित करने हेतु सोमवार को यहां आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए बनारस की कला एवं सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले विशाल भित्ति चित्र बनाए गए हैं और काशी विश्वनाथ मंदिर स्थल के पास कई इमारतों को रोशन किया गया है।
करीब 339 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन मुख्य कार्यक्रम होगा।
प्रधानमंत्री मोदी काशी विश्वनाथ गलियारे को लोगों को करेंगे समर्पित
भारत और विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने वाले प्राचीन मंदिर में प्रार्थना करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ गलियारे को लोगों को समर्पित करेंगे।
इस कार्यक्रम की तैयारी के लिए रविवार देर रात तक निर्माण कर्मी पत्थरों को चमकाने में व्यस्त रहे, श्रमिकों ने मंदिर परिसरों को विशेषकर गेंदे के फूलों से सजाया और कर्मचारी ललिता घाट को तैयार करने के लिए तमाम व्यवस्थाएं करने में जुटे रहे।
वाराणसी में पुलिस सुरक्षा बढ़ी
इस कार्यक्रम के मद्देनजर यहां के अधिकांश निवासियों और घरेलू पर्यटकों में उत्साह है, जिसे देखते हुए वाराणसी में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
सड़कों पर निकाली गई शिव बारात
‘दिव्य काशी, भव्य काशी’ नामक उद्घाटन समारोह को लेकर उत्साह के कारण गोदौलिया चौक के निकट सड़कों पर ‘‘शिव बारात’’ निकाली गई। इलाके में कई होटल मालिकों ने अपने होटल को रोशन किया है। एक होटल मालिक ने कहा, ‘‘यह काशी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है और हम भाग्यशाली हैं कि हम इसका हिस्सा हैं।’’
मंदिर स्थल पर भी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के कर्मचारी और अन्य कर्मी सोमवार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कई लोगों को पुराने मंदिर या पारंपरिक शिल्प कौशल का इस्तेमाल करके बनाए गए चार नए द्वारों के आगे खड़े होकर तस्वीरें लेता देखा गया।
नए गलियारे से निश्चित ही पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
गोदौलिया चौक में कपड़ों की एक दुकान के मालिक अनिल केशरी ने कहा, ‘‘बनारस संस्कृति का दिल, सभ्यता का पालना और काशी विश्वनाथ की नगरी है।’’ उन्होंने ‘शोभा यात्रा’ के पोस्टर की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘इस खूबसूरत सजावट को देखिए। मैं बहुत खुश हूं और नए गलियारे से निश्चित ही पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे मेरे शहर और भारत का गौरव बढ़ेगा।’’
बाबतपुर में वाराणसी हवाई अड्डे के पास एक पुल की दीवारों को भित्ति चित्रों से सजाया गया है, जिसमें गंगा की आरती, काशी विश्वनाथ मंदिर, बनारस के घाट और शहर की अन्य विरासत को चित्रित किया गया है, जो 2014 से मोदी का संसदीय क्षेत्र है।
मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीकांत मिश्रा ने कहा, ‘‘नए गलियारे का निर्माण एक चमत्कारी क्षण है। इस शहर में काशी विश्वनाथ बाबा की अनुमति के बिना कुछ भी नहीं होता। यह उनका शहर है। निर्माण, विनाश, पुनर्निर्माण, सब उनकी इच्छा है।’’
परियोजना के पहले चरण में 23 इमारतों का किया जाएगा उद्घाटन
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि परियोजना के पहले चरण में 23 इमारतों का उद्घाटन किया जाएगा। ये इमारतें तीर्थयात्रियों को सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोगशाला, शहर संग्रहालय और फूड कोर्ट सहित कई सुविधाएं प्रदान करेंगी।
यह परियोजना लगभग पांच लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैली है, जबकि पहले यह परिसर लगभग 3,000 वर्ग फुट तक ही सीमित था।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बावजूद परियोजना का काम समय पर पूरा हो गया।