उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में बर्बर सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई 19 साल की युवती की दिल्ली के अस्पताल में मंगलवार को मौत हो गयी। घटना ने लोगों को झकझोर दिया है। हर जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। वहीं विपक्ष लगातार इस घटना को लेकर यूपी सरकार पर हमलावर है। इस बीच बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा है।
..अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया।
घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया।@myogiadityanath इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि “रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का। अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया। घोर अमानवीयता।
उन्होंने कहा कि “आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया। योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।”
प्रियंका ने कहा कि “मैं हाथरस पीड़ित के पिता से फ़ोन पर बातचीत की जब उन्हें सूचित किया गया कि उनकी बेटी का निधन हो गया है। मैंने उन्हें निराशा में रोते सुना।” वह मुझे केवल इतना बता रहा था कि वह जो चाहता था वह उसके बच्चे के लिए न्याय था। कल रात वह आखिरी बार अपनी बेटी को घर ले जाने और उसका अंतिम संस्कार कर पाने में सफल रहे।”
प्रियंका ने आगे कहा कि “पीड़िता और उसके परिवार की रक्षा करने के बजाय, आपकी सरकार उसे हर एक मानव अधिकार, यहां तक कि मृत्यु से वंचित करने में लगी रही । मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने का आपको कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”
बता दें कि हाथरस की घटना ने सभी को निर्भया कांड की भयावहता याद दिला दी है। 14 सितंबर को चार लोगों ने इस दलित युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया। इस दौरान उसके साथ की गई क्रूरता के कारण पहले उसे अलीगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां हालत में सुधार नहीं होने पर उसे बेहद नाजुक हालत में, रीढ़ की हड्डी में चोट, पैरों और हाथों में लकवा और कटी हुई जीभ के साथ दिल्ली के अस्पताल में सोमवार को भर्ती कराया गया।
हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने युवती के परिवार के हवाले से बताया कि वह सोमवार की रात भी नहीं काट सकी, और तड़के करीब तीन बजे उसकी सांसों की डोर टूट गयी। युवती की मौत की खबर मिलते ही सफदरजंग अस्पताल के बाहर, विजय चौक पर और हाथरस में प्रदर्शन शुरू हो गए।