समाजवादी पार्टी से अलग हो कर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) का गठन करने वाले शिवपाल यादव ने बड़ा दावा किया है। शिवपाल का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की बजाय अपनी खुद की पार्टी बनाना उचित समझा।
पीएसपीएल अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा है कि बीजेपी ने उन्हें तब पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था, जब उनका अपने भतीजे और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ अनबन चल रही थी। हालांकि, मैंने बीजेपी में शामिल होने के बजाय अपनी पार्टी बनाना बेहतर समझा।”
शिवपाल ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि उनकी खुद की पार्टी बनाने का निर्णय सही था, हालांकि कुछ लोग अभी भी उन्हें बीजेपी की ‘बी’ टीम बताते हैं। उन्होंने कहा, “बीजेपी की वर्तमान स्थिति सभी को पता है। सत्तारूढ़ पार्टी चौतरफा विरोध का सामना कर रही है और सभी मोचरें पर विफल साबित हुई है।”
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एक सवाल का जवाब देते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बीएसपी गठबंधन का परिणाम सभी ने देखा है। उन्होंने कहा, “हम अब बीजेपी-बीएसपी गठबंधन का परिणाम देखेंगे।” पीएसपीएल नेता ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के स्वभाव और व्यवहार को सभी जानते हैं।
उन्होंने कहा, “उन्होंने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का अपमान किया, हालांकि वे पार्टी लाइनों से परे सबसे स्वीकार्य नेता बने हुए हैं। अगर बीएसपी के विधायक पार्टी से छिटक रहे हैं तो मायावती को गिरेबान में झांकना चाहिए कि उनकी पार्टी और नीतियों के साथ क्या गलत हुआ है।”