नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ मेरठ में पिछले सप्ताह हुए हिंसक प्रदर्शन में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को पुलिस ने मंगलवार को शहर में प्रवेश करने से पहले रोक दिया गया है।
धारा 144 का हवाला देकर प्रशासन ने दोनों को वापस भेज दिया, जिसके बाद वह परतापुर से ही वापस आ गए। पीड़ित परिवार से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मिलना चाहते थे लेकिन इसकी इजाजत नहीं मिली। पुलिस ने कहा कि इलाके में तनाव है। लिहाजा अनुमति देना संभव नहीं है।
राजधानी लखनऊ,गोरखपुर समेत कई जगहों पर प्रशासन द्वारा उपद्रव करने वालों के पोस्टर लगाए गए हैं। अब तक दो हजार पांच सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पांच हजार से ज्यादा लोगों को ऐहतियात के तौर पर पकड़ गया है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने मंगलवार को कहा कि हिंसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को पुलिस नहीं छोड़गी।
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प्रियंका गांधी ने इससे पहले भी बिजनौर जाकर हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की थी। गौरतलब है की कांग्रेस ने सोमवार को महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर सत्याग्रह पर बैठें और उन्होंने संविधान में लोगों को प्रदत्त अधिकारों के संरक्षण की मांग की। सत्याग्रह के दौरान सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी।