चुनाव परिणाम को लेकर राहुल के साथ-साथ अमेठी के दिल में भी है दर्द : राज बब्बर - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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चुनाव परिणाम को लेकर राहुल के साथ-साथ अमेठी के दिल में भी है दर्द : राज बब्बर

राज बब्बर ने कहा, “मैं इतना कह सकता हूं कि राहुल ने अमेठी को लोकसभा क्षेत्र की तरह नहीं बल्कि अपने परिवार की तरह देखा। अब घरवालों ने ही इस तरह का फैसला दे दिया।”

गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ अमेठी लोकसभा क्षेत्र में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की पराजय पर ताज्जुब जाहिर करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि राहुल ने अमेठी को अपना परिवार माना लेकिन उन्हीं घरवालों ने उनके खिलाफ फैसला दे दिया। मगर दोनों को ही इसका अफसोस है।
राज बब्बर ने सोमवार को अमेठी सीट से राहुल की पराजय के बारे में पूछे जाने पर कहा, ”मैं इतना कह सकता हूं कि राहुल जी ने अमेठी को लोकसभा क्षेत्र की तरह नहीं बल्कि अपने परिवार की तरह देखा। अब घरवालों ने ही इस तरह का फैसला दे दिया।” 
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उन्होंने कहा ”एक बात मैं 100 फीसद कह सकता हूं कि राहुल जी (वायनाड से) सांसद जरूर बन गये लेकिन राहुल जी के दिल में एक टीस रहेगी, कि उन्होंने अमेठी को परिवार समझा, उसी परिवार ने उन्हें अपने यहां नहीं आने दिया। राहुल जी के दिल में पीड़ा है, वह साफ नजर आ रही है, लेकिन अमेठी वालों के दिल में भी पीड़ा है।” 
हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में हुई कांग्रेस की सबसे बुरी पराजय पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए राज बब्बर ने कहा कि पार्टी शायद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की मेहनत का फायदा उठाने में नाकाम रही। 
उन्होंने कहा कि प्रियंका के प्रति लोगों में काफी उत्साह था लेकिन जो ‘बटोरने’ वाले लोग थे, वो उतने काबिल नहीं थे। प्रत्याशी के अलावा संगठन, कार्यकर्ता, स्थानीय नेता उसका फायदा नहीं उठा पाये। राहुल गांधी ने इतनी मेहनत की, लेकिन हमने उसको बटोरा नहीं। राहुल और प्रियंका जो कर सकते थे, वह किया लेकिन हम फर्ज की कसौटी पर खरे नहीं उतर सके।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी की पराजय के बारे में कहा कि वह किसी को दोष देने के बजाय हार को स्वीकार करते हैं। इस हार का वह अकेले विश्लेषण नहीं कर सकते। इसके लिये नीचे से लेकर ऊपर तक सभी को बैठकर विचार करना होगा। यह देखना होगा कि कांग्रेस के विजयी 52 सांसद आखिर कैसे जीते। उन्होंने कहा कि जब उन्हें मौका मिलेगा तो वह उन सभी जीते हुए कांग्रेस सांसदों से मुलाकात करके यह जानने की कोशिश करेंगे कि उन्होंने क्या रणनीति अपनायी थी। 

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