केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के गोंडा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला। राजनाथ सिंह ने राहुल द्वारा संसद में गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई झड़प को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार किया।
गोंडा में रैली को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि “उन्होंने (कांग्रेस नेता राहुल गांधी) कहा कि नरेंद्र मोदी के भारत के पीएम बनने के बाद चीन और पाकिस्तान दोस्त बन गए। उन्होंने प्राचीन भारत के इतिहास का अध्ययन नहीं किया है, उन्हें कम से कम आधुनिक भारत के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद में यह कहते हुए देखकर दुख होता है कि (गलवान) संघर्ष में बड़ी संख्या में भारतीय सैनिक और केवल 3-4 चीनी सैनिक मारे गए। रक्षा मंत्री होने के बावजूद मैंने जवाब नहीं दिया क्योंकि पीएम ने कहा कि लोगों को बोलने दो, पर हकीकत हम जानते हैं।”
‘देश की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ नहीं’, विश्वास के दावे को लेकर CM चन्नी के पत्र पर गृहमंत्री का जवाब
रक्षामंत्री ने कहा कि संसद में राहुल गांधी के इस बयान के तुरंत बाद, ऑस्ट्रेलिया के एक खोजी पत्रकार ने बताया कि गलवान झड़प में 38-50 चीनी सैनिक मारे गए थे। मैं सारी विरोधी पार्टियों से कहुंगा कि देश के मान, सम्मान, और स्वाभिमान के प्रश्न पर राजनीति नहीं करनी चाहिए बल्कि इस पर सारे दलों को अपने आपसी मतभेद भुलाकर एक जुट होकर इसका सामना करना चाहिए।
कांग्रेस पर हमलावर होते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, जब पाकिस्तान ने शाख्सगाम घाटी के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र को चीन को सौंप दिया था तब जवाहरलाल नेहरू प्रधान मंत्री थे। जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में काराकोरम राजमार्ग बनाया गया था तब इंदिरा गांधी प्रधान मंत्री थीं। वहीं सीपीईसी पर निर्माण शुरू होने पर मनमोहन सिंह प्रधान मंत्री थे, मोदी जी नहीं।
विकास 84 में से 83 योगासन कर रहा है UP
राजनाथ सिंह ने कहा, “हम कहते थे कि हम आएंगे और राम मंदिर का निर्माण करेंगे और लोग भी कहते थे कि जब भी चुनाव आता है बीजेपी राम मंदिर की चर्चा करने लगती है। हमें भी लगता था कि प्रदेश की जनता को भी विश्वास नहीं है। ऐसी परिस्थितियां बनी कि राम मंदिर बन रहा है।”
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास 84 में से 83 योगासन कर रहा है। हमने एक आसन विपक्ष के लिए छोड़ दिया है उस योगासन का नाम है शीर्षासन। विकास की पहली ज़रूरत क़ानून व्यवस्था का चुस्त-दुरुस्त होना है जिसकी सराहना हर जगह हो रही है।