राम जन्मभूमि मंदिर परिसर के लेआउट के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लगभग पांच करोड़ विकास शुल्क देना होगा। अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण (एएफडीए) के लेखाधिकारी व अभियंता अभी राम जन्मभूमि के विशाल और भव्य नक्शे के आकार-प्रकार को लेकर गणितीय आकलन में जुटे हैं।
इस गणित के पूरा होने के बाद इस मामले को बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, बोर्ड ही नक्शे की स्वीकृति के उपरांत शुल्क अदा करने पर अंतिम मुहर लगाएगा। इसी कारण से एएफडीए के अधिकारी अभी इस विषय पर कोई भी बयान देने से बच रहे है। फिलहाल लेखा विभाग के सूत्र बताते हैं कि भवन उपविधि के प्रावधानों के अनुसार 472 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से कारपेट एरिया एवं 60 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से कवर्ड एरिया का विकास शुल्क निर्धारित किया गया है।
अगर नियमानुसार आकलन करें तो रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से प्रस्तुत ले-आउट में कुल कारपेट एरिया दो लाख 74 हजार 110 वर्ग मीटर दर्शाया गया है। राम मंदिर का कुल कवर्ड एरिया 13 हजार वर्ग मीटर का है। ले-आउट का ओपेन कारपेट एरिया दो लाख 61,110 वर्ग मीटर है। इस एरिया का 472 रुपए वर्ग मीटर की दर से विकास शुल्क 12,32,43,920 होता है। इस तरह से 13 हजार वर्ग मीटर कवर्ड एरिया का विकास शुल्क 78 लाख हुआ।
जैसे की रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र एक चैरिटेबल संस्था है और आयकर विभाग में पंजीकृत है, इसलिए संस्था को विकास शुल्क में 65 प्रतिशत की छूट दी जा सकती है।बताया जा रहा है कि बोर्ड अनुमन्य छूट के विषय में निर्णय करेगा। ऐसी स्थित में मान लिया जाए कि अनुमन्य छूट पर बोर्ड की मुहर लग जाएगी तो इसके लिहाज से 8,06,15,548 रुपए 65 प्रतिशत छूट की दर से कुल विकास शुल्क से घटा दिए जाएंगे।