देश में बीते कई दिनों से हिंदू ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर काफी विवाद चल रहा है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक टिप्पणी कर दी थी। अब इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।बता दें कि शिवेंद्र मिश्रा की शिकायत पर लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई।
जातियों और संप्रदायों पर अपमानजनक टिप्पणियां हैं
आपको बता दें कि मौर्य ने रविवार को रामचरितमानस में विशेष जातियों और संप्रदायों पर लक्षित अपमानजनक टिप्पणियों और व्यंग्य को हटाने की मांग करने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया।सपा नेता ने कहा, रामचरितमानस के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से जातियों और संप्रदायों पर अपमानजनक टिप्पणियां हैं। जिन्हें हटा दिया जाना चाहिए।उन्होंने आगे दावा किया कि रामचरितमानस में, कुछ शब्दों ने दलित समुदाय की भावनाओं को चोट पहुंचाई।
रामचरितमानस के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं
अतिरिक्त डीसीपी राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि मिश्रा ने अपनी एफआईआर में कहा कि समाचार चैनलों और समाचार पत्रों के माध्यम से, उन्हें पता चला कि मौर्य ने रामचरितमानस के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं और इस तरह की टिप्पणी समाज में एक दरार पैदा कर सकती हैं और सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकती है।हालांकि, सपा पार्टी ने मौर्य की टिप्पणियों से खुद को दूर कर लिया है।
अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा से स्पष्ट कहा......
उत्तर प्रदेश विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने कहा, अन्य देशों सहित हर जगह लोग रामचरितमानस पढ़ते हैं, इसे स्वीकार करते हैं और इसका पालन करते हैं और हम सभी रामचरितमानस का सम्मान करते हैं।भाजपा के राज्य अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या यह मौर्य का व्यक्तिगत विश्वास था या पार्टी का।