सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें मस्जिद के निर्माण के लिए गठित अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट में एक सरकारी उम्मीदवार की नियुक्ति करने की मांग की गई है। याचिका के मुताबिक पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों की हालिया बयानबाजी को देखते हुए ये उचित होगा कि चाहे सदस्य मुस्लिम ही हो, लेकिन वो सरकारी नुमाइंदे के तौर पर ट्रस्ट में रहे।
यह याचिका अयोध्या मामले में हिंदू पक्ष के एक वकील करुणेश शुक्ला ने अपने वकील विष्णु जैन के माध्यम से दायर की है। इसके साथ-साथ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या में आवंटित भूमि पर एक मस्जिद और अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए एक 15 सदस्यीय ट्रस्ट ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ बनाया है।
अयोध्या विवादित भूमि मामले में पिछले साल 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को विवादित भूमि को मंदिर निर्माण के लिए देने और एक ट्रस्ट का गठन करने का निर्देश दिया था और सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में वैकल्पिक स्थान पर पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया था।
मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या के धन्नीपुर गांव में आवंटित की गई 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी और अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ नाम से एक ट्रस्ट बनाया गया है।