सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीया युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच के सभी पहलुओं की निगरानी का जिम्मा मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय को सौंप दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ये फैसला सुनाया।
अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच से जुड़ी हर पहलू की निगरानी इलाहाबाद हाई कोर्ट ही करेगी। इसमें पीड़ित परिवार की सुरक्षा, गवाहों के बयान शामिल हैं।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच सहित सभी पहलुओं की निगरानी इलाहाबाद उच्च न्यायालय करेगा। न्यायालय ने मामले की सुनवाई को उत्तर प्रदेश के बाहर स्थानांतरित करने के मुद्दे को जांच पूरी होने तक फिलहाल ‘खुला’ रखा है।
बता दें कि हाथरस जिले के एक गांव में 14 सितंबर को 19 साल की एक दलित लड़की के साथ चार युवकों ने कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसके कई दिनों बाद दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता ने दम तोड़ दिया।
प्रशासन ने 30 सितंबर को पीड़िता के घर के नजदीक ही उसकी रातों-रात अंत्येष्टि कर दी थी। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने उनकी इच्छा के पूछे बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया। शव को देखने तक नहीं दिया। वहीं पुलिस का कहना है कि परिवार की इच्छा के मुताबिक ही अंतिम संस्कार किया गया। योगी आदित्यनाथ सरकार ने पहले इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी। बाद में राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई से जांच की सिफारिश की।