उत्तर प्रदेश में अमरोहा के बावनखेड़ में 14/15 अप्रैल 2008 में परिवार के सात सदस्यों को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर मौत के घाट उतारने वाली शबनम को रामपुर जिला जेल से बरेली जिला जेल लाया गया है । जेल के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।
बरेली जिला जेल के अधीक्षक वी पी सिंह ने शबनम को यहां लाये जाने की सोमवार को पुष्टि की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रामपुर जेल से शबनम की एक तस्वीर वायरल होने के बाद प्रशासन ने यह निर्णय किया। जेल प्रशासन ने शबनम की तस्वीर खींचने और वायरल करने वाले बंदी रक्षकों को सोमवार को निलंबित कर दिया है। तस्वीर वायरल करने के मामले में बंदी रक्षक नाहिद बी और शुएब खान को निलंबित किया गया है।
वायरल तस्वीर के बारे में जेल प्रशासन का कहना है कि ये फ़ोटो शबनम की ही है और 26 जनवरी के दिन खींची गई थी।
दूसरी ओर रामपुर जिला कारागार के अधीक्षक पी डी सलोनिया ने बताया कि रामपुर जिला जेल से शबनम के वायरल तस्वीर के मामले की जांच में दो बंदी रक्षक दोषी पाये गये, जिन्हें निलंबित कर दिया गया है और प्रशासनिक दृष्टिकोण से शबनम को बरेली जिला जेल स्थानांतरित कर दिया गया है। निलंबित बंदी रक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जा रही है।
सलोनिया ने बताया कि शबनम की वायरल तस्वीर 26 जनवरी को रामपुर जेल में ली गई थी। उल्लेखनीय है कि अमरोहा जिले में हसनपुर के गांव बावनखेड़ी में प्रेमी सलीम के साथ मिलकर शबनम ने 14-15 अप्रैल, 2008 की रात को माता-पिता, दो भाई, भाभी, फुफेरी बहन व मासूम भतीजे की हत्या कर दी थी। 15 जुलाई 2010 को अमरोहा सत्र अदालत ने सलीम और शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई थी। उसके बाद उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय ने ने भी दोनों की सजा को बरकरार रखा था।
राष्ट्रपति ने भी उनकी दया याचिका खारिज कर दी। उसके बाद दोनों ने फिर से उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की। शीर्ष अदालत ने शबनम की याचिका खारिज करते हुए रामपुर जेल प्रशासन को फांसी का आदेश भेजा था। शबनम के वकील ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष एक नई दया याचिका दायर की है। जेल अधीक्षक ने बताया कि अमरोहा अदालत से शबनम का जो डेथ वारंट मांगा गया था उसका अभी तक कोई जवाब नही आया है।