उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी की प्रतिक्रिया सामने आयी है। येचुरी ने भाकपा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग की।
सीताराम येचुरी ने लखीमपुर हिंसा की निंदा की
माकपा नेता ने सोमवार को कहा, हमारे वीर और ²ढ़निश्चयी किसानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। जिन किसानों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है, हम उनका सम्मान करते हैं। येचुरी ने कहा, भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार के पास, किसानों पर की गई बर्बरता के शिकार लोगों तक राजनीतिक दलों को न पहुंचने देने के सिवा अब और कोई काम नहीं बचा। हम लोकतंत्र के इस क्रूर दमन की कड़ी निंदा करते हैं।
अतुल अंजान ने कहा-किसान पिछले 10 माह से देश की सड़कों पर हैं…
वहीं भाकपा के वरिष्ठ नेता अतुल अंजान ने भी लखीमपुर खीरी घटना की निंदा की। अंजान ने कहा, किसान पिछले 10 माह से देश की सड़कों पर हैं, लेकिन जिस तरह से किसानों के साथ व्यवहार किया जा रहा है, ये बेहद आश्चर्यजनक है। उत्तरप्रदेश में जिस तरह से किसानों के जनांदोलन को कुचला गया, ये एक तरीके का आतंकवाद है।वहीं राजनीति दलों के नेताओं को नजरबंद किये जाने पर अतुल अंजान ने कहा, विपक्षी नेताओं, आम लोगों के घरों में पुलिस घुस रही है ये अलोकतांत्रिक है।संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से राष्ट्रपति को लिखे गये पत्र को लेकर उन्होंने कहा, हमारी साफ मांग है कि राष्ट्रपति ने जिन्हें केंद्र में गृह राज्यमंत्री बनाया, वही आज हत्यारे हो गए। इसलिए राष्ट्रपति इन्हें फौरन बर्खास्त करें।
हिंसा में 9 लोगों की हुई मौत
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में 9 लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आ रही है, जिसमें किसान भी शामिल हैं। उत्तरप्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लखीमपुर आ रहे थे और इसके खिलाफ किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी दौरान हिंसा हुई और इसके लिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और किसानों के प्रदर्शन में शामिल उपद्रवी तत्वों को जि़म्मेदार बताया जा रहा है। हालांकि अभी पूरे मामले में जांच चल रही है। हिंसा के बाद इलाके में धारा-144 लगा दी गई है और इंटरनेट पर पाबंदी है।