समाजवादी पार्टी (सपा) के चुनाव चिन्ह पर वाराणसी संसदीय क्षेत्र के चुनावी मैदान में उतरे बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव के नामांकन पत्र की वैधता को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। सपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा तेज बहादुर को नोटिस जारी कर जिन कागजातों की उनसे मांग की थी, उन्हें उनके कार्यालय में निधार्रित समय पर जमा करवा दिये गए हैं। इसके बाद भी नामांकन को लेकर स्थिति साफ नहीं की जा रही है, जिससे नामांकन रद्दे करने की साजिश की बू आ रही है।
उनकी पार्टी लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए पर सड़क से लेकर अदालत तक लड़ई के लिए तैयार है। तेज बहादुर के प्रस्तावक धूपचंडी ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी से स्थिति साफ करने के लिए एक तेज बहादुर यादव के साथ एक प्रतिनिधिमंडल उनके पास गया था, लेकिन उन्हें इंतजार करने को कहा गया है। उन्हें निश्चित समय नहीं दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री धूपचंडी ने आरोप लगाया कि प्रधनमंत्री मोदी के दवाब में जिला निर्वाचन अधिकारी उनके दल की ओर से नामांकन करने वाले तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी रद्द करने के लिए ‘गैर कानूनी’ कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ में भ्रष्टाचार का मामला जोरशोर से उठाने वाले असली चौकीदार तेज बहादुर को मिल रहे भारी समर्थन के कारण भाजपा नेता घबराये हुए हैं और वे ‘नकली चौकीदार’ बने पीएम मोदी की संभावित हार को देखते हुए सपा उम्मीदवार का नामांकन रद्द करने की साजिश कर रहे हैं।
धूपचंडी के आरोपों पर जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वे उपब्ध नहीं हुए। इस बीच जिला उप सूचना निदेश की ओर से जानकारी दी गई है कि सुरेंद्र सिंह शाम साढ़ पांच बजे एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। हालांकि, यह नहीं बताया गया है कि वह तेज बहादुर के नामांकन संबंधी विवाद के बारे में स्थिति कब तक स्थिति स्पष्ट करेंगे।
नांमाकन विवाद पर फैसले में देरी को लेकर सपा कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। काफी संख्या में सपा कार्यकर्ता जिला निर्वाचन कार्यालय के बाहर जमे हुए हैं। गौरतलब है कि निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने मंगलवार को तेज बहादुर को नोटिस जारी कर अपनी बर्खास्तगी से संबंधित उचित दस्तावेज के साथ स्थिति स्पष्ट करने के लिए बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक का समय दिया था।
तेज बहादुर ने अलग-अलग दो बार नामांकन पत्र दाखिल किया था। उन्होंने निर्दलीय एवं सपा के चुनाव चिन्ह के साथ नामांकन किया। दोनों पर्चों में उनके बीएसएफ से बर्खास्तगी के संबंध में अलग-अगल जानकारी दी गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने तेज बहादुर को नोटिस जारी कर निर्वाचन आयोग से अनापत्ति प्रमण पत्र देने के लिए कहा था।
हालांकि, सपा की ओर से हाल ही में कांग्रेस से आयीं शालिनी यादव ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया है तथा उनके नामांकन पत्र वैध पाये गए हैं। वाराणसी संसदीय क्षेत्र से नामांकन करने वाले 119 में पीएम मोदी समेत 31 लोगों के पर्चे वैध पाये गए हैं।