सोनभद्र/लखनऊ (यूपी) : सोनभद्र में भूमि विवाद को लेकर बुधवार को हुए खूनी संघर्ष के सिलसिले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारियों ने गुरूवार को बताया कि एक और घायल के दम तोड़ देने से संघर्ष में मृतकों की संख्या बढकर 10 हो गयी है।
पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने लखनऊ में बताया कि 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि अन्य को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
पुलिस ने ग्राम प्रधान के दो भतीजों – गिरिजेश और विमलेश – को भी गिरफ्तार किया है। ग्राम प्रधान को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। कुल 61 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें 11 नामजद हैं।
इस बीच, उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन सदन की बैठक शुरू होने से पहले सपा के विधानसभा एवं विधान परिषद सदस्यों ने विधान भवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया।
लाल टोपी पहने सपा सदस्यों ने भाजपा को कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर घेरा। उन्होंने कहा कि सोनभद्र की हत्याएं और संभल में पुलिसकर्मियों पर हमला भाजपा सरकार के भारी भरकम वायदों की पोल खोलने के लिए काफी है। सपा सदस्यों ने नारेबाजी भी की।
उधर, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में हुई गोलीबारी की घटना पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग ने गुरूवार को घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम बनाई। आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि उपाध्यक्ष मनीराम कौल के नेतृत्व वाली आयोग की टीम में रामसेवक खारवार भी सदस्य हैं। टीम घटनास्थल पर जाकर आदिवासियों और घायलों से मुलाकात करेगी और अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष बृजलाल को सौंपेगी।
विज्ञप्ति में कहा गया कि आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए, गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात कर आदिवासियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और प्रकरण की भलीभांति जांच कराई जाए।
आयोग ने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो। दोषियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाना चाहिए ताकि वे जमानत ना पा सकें।
उल्लेखनीय है कि सोनभद्र में घोरावल थाना क्षेत्र के उधा गांव में दो साल पहले ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक आईएएस अधिकारी से खरीदी गई 90 बीघा जमीन पर कब्जे के लिए बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पहुंचकर जमीन जोतने की कोशिश की। विरोध करने पर उसकी तरफ के लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इस वारदात में 10 लोगों की मौत हो गई जबकि 18 अन्य जख्मी हो गए।
प्रशासनिक अधिकारी गुरुवार शाम लगभग पांच बजे मृतकों के शव लेकर उभ्भा गांव पहुंचे। शवों को देखते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया।
शवों को दफ़नाने के स्थान को लेकर प्रशासन एवं ग्रामीणों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई। गांव वालों की मांग है कि जहां गोली चली है, शवों को उसी ज़मीन में दफ़नाया जाए जबकि प्रशासन का कहना है कि परम्परागत स्थान पर ही दफ़नाया जाएगा। प्रशासन फ़िलहाल शवों को अपने क़ब्ज़े में रखे हुए है। घटना वाले स्थान पर ही शवों को दफ़नाने के लिए ग्रामीणों के अड़े होने के कारण प्रशासन शवों को उन्हें नहीं सौंप रहा है।
पीड़ितों के परिजनों को जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए किसान सर्वहित बीमा योजना के अनुसार दिया जाएगा।
मृतकों के परिजनों की मांग के अनुसार शासन को जनपद राबर्ट्सगंज, ओबरा एवं घोरावल के विधायक तथा ज़िला पंचायत अध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर के साथ एक पत्र शासन को भेजा गया है, जिसमें मृतकों के परिजनों को 10 बीघा ज़मीन और 5 लाख रुपए नक़द तथा घायलों को 5 लाख रूपये नक़द एवं 5 बीघा ज़मीन देने की मांग की गयी है। इसके अतिरिक्त जिस मृतक परिवार में कोई कमाने वाला सदस्य न हो उसके एक सदस्य को सफ़ाई कर्मी की नौकरी देने की अनुशंसा की गई है।
उभ्भा गांव के निवासी रामराज ने बताया कि उसके परिवार वाले तीन-चार पीढ़ियों से विवादित जमीन पर खेती कर रहे थे लेकिन अवैध तरीके से हमें जमीन से बेदखल करने का प्रयास किया गया।
गांव के ही 70 वर्षीय बुजुर्ग हरिवंश ने बताया कि बुधवार की गोलीबारी में उसके पुत्र अशोक (35) की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि अब उनके परिवार में कोई कमाऊ सदस्य नहीं है।
गांववासी नंदलाल ने बताया कि उसकी पत्नी बासमती (45) की मौत हो गई । रामबली के परिवार में उसके भाई और भाई की पत्नी की मौत हुई है जबकि परिवार के ही तीन अन्य सदस्य घायल हैं। गांव वालों ने एक स्वर से घटना के दोषियों को कठोर सजा दिलाने की मांग की है।
इस बीच, कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरूवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल उस जगह गया, जहां बुधवार को 10 आदिवासियों की हत्या कर दी गयी थी।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से प्रकरण की न्यायिक जांच कराने की मांग की।
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय सिंह लल्लू ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। लल्लू ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को रिपोर्ट सौंप दी है । प्रियंका गांधी जल्द ही पीडितों से मिलने आएंगी।
मृतकों को 25-25 लाख रुपए तथा घायलों को 15-15 लाख रुपए और भूमि का पट्टा दिए जाने की मांग करते हुए लल्लू ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार इस घटना को भूमि विवाद बताकर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। वहां के आदिवासी लगातार अपनी समस्याओं के निदान की मांग करते आए हैं लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक ने इसकी अनदेखी की।
अजय कुमार ने आरोप लगाया कि प्रतिनिधिमंडल को यह भी पता लगा कि जब भूमाफिया आदिवासियों पर गोलियां बरसा रहे थे, पुलिस हेल्पलाइन पर कई फोन किए गए लेकिन पुलिस ‘‘साजिश के तहत’’ देर से मौके पर पहुंची।