उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय प्रमुख अखिलेश यादव अकसर विरोधी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रति मुखर रहते है। ऐसे में एक बार फिर अखिलेश यादव ने एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जनता ने समाजवादी, पार्टी को बहुत वोट दिया, लेकिन बेईमानी से भाजपा को जिताया गया।
जनता आज भी विधानसभा चुनाव परिणाम पर भरोसा नहीं कर पा रही
उन्होंने कहा कि जनता आज भी विधानसभा चुनाव परिणाम पर भरोसा नहीं कर पा रही है। समाजवादी पार्टी जनता के लिए लड़ेगी, संघर्ष करेगी, फिर उसी तरह से खड़ी दिखाई देगी। अखिलेश यादव ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान हम जो कहते थे कि भाजपा के लोग कानून और संविधान नहीं मानेंगे आज वही दिखाई देने लगा है।
इन मुद्दों को लेकर सरकार पर साधा निशाना
बता दे कि अखिलेश यादव ने सपा मुख्यालय पर शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भाजपा सरकार में अन्याय, अत्याचार बहुत बढ़ गया है। समाजवादी लोग नहीं खड़े हुए तो अन्याय और अत्याचार और होगा। इस अन्याय के मुकाबले के लिए समाजवादियों को खड़ा होना ही होगा।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि आज भी वही बुनियादी सवाल है। महंगाई लगातार बढ़ रही है। बेरोजगारी पहले से ज्यादा है। डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है। किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है। महंगाई से हर वर्ग त्रस्त है।
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डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया जा सकता है
भाजपा सरकार को सभी तरह के आंकड़ों को छुपाने का आरोप लगाते हुए यादव ने कहा कि अब तो करोना से हुई मौतों का आंकड़ा भी सामने आ गया है। डब्ल्यूएचओ ने भी कह दिया कि दुनिया में सबसे ज्यादा करोना से मौत भारत में हुई है। हम लोगों ने कोरोना काल में हुई जिस तरह की मौतें देखी थी, अब उसका सच सामने आ रहा है। भाजपा सरकार की से स्वीकार नहीं कर रही है। लेकिन सच्चाई यह है कि डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया जा सकता है।
लगातार घेर रहे है सरकार को
ज्ञात हो कि इससे पहले अखिलेश ने बुधवार सुबह ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि ”उत्तर प्रदेश में 5 साल सरकार चलाने के बाद अब सरकार के दिमाग की बत्ती जली कि बिजली विभाग में ‘व्यापक सुधार’ की जरूरत है। बिजली विभाग के निजीकरण पर उतारू सरकार ये बताए कि जब उनके हाथ में नियंत्रण ही नहीं होगा तो सुधार लागू कैसे होंगे। भ्रष्टाचार से सांठगांठ का अंत ही हर सुधार का मूल है।”