उत्तर प्रदेश में CAA के विरोध में हुई हिंसा की जांच करायी जाये उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से : आनंद शर्मा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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उत्तर प्रदेश में CAA के विरोध में हुई हिंसा की जांच करायी जाये उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से : आनंद शर्मा

सरकार ने सिर्फ तीन देशों को क्यों शामिल किया और श्रीलंका और म्यांमार को तब बख्शा जब इन देशों से भी प्रवासी भारत आए हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में पार्टी के उपनेता आनंद शर्मा ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध को लेकर उत्तर प्रदेश में हुई जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराये जाने की मांग की है। श्री शर्मा ने गुरूवार को यहां पत्रकारो से कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने उस बयान पर माफी मांगनी चाहिये जिसमें उन्होंने कहा था उन लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी जिन्होंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘सीएए के विरोध के दौरान उत्तर प्रदेश में हुई हत्या पर विवाद है कि क्या प्रदर्शन कर रहे लोग पुलिस की गोली से मरे या किसी अन्य ने उन्हें मारा था। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के करायी जाये जिससे वास्तविक तथ्यों का पता चल जायेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रार (एनपीआर) के भी अपने मौजूदा प्रारूप का विरोध कर रही थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था उनकी सरकार उन लोगों का बदला लेगी जो सीएए का विरोध कर रहे है। श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बिना शर्त माफी की मांग करते हुए कहा, ‘‘जब कोई व्यक्ति भगवा पहनता है, तो इस तरह के बयान देता है।
बदला लेने की घोषणा संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ है। वह व्यक्ति किसी राज्य पर शासन करने के लिए उपयुक्त नहीं है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार द्वारा सीएए और एनपीआर द्वारा देश को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि जब अगले साल जनगणना की जाएगी तो एनपीआर लाने की कोई जरूरत नहीं थी। यह एक समुदाय के बीच डर पैदा करने की एक चाल है।
श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को गलत बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने कभी भी एनआसी के बारे में कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि कम से कम नौ बार, सरकार ने संसद में एनआसी का मुद्दा उठाया था।
उन्होंने कहा कि अन्य देशों में रहने वाले भारतीयों को नागरिकता देने के लिए पहले से ही संविधान के तहत कानून है और इस समय सीएए की कोई आवश्यकता नहीं थी। सीएए केवल एक समुदाय को निशाना बनाने के लिए है। सरकार ने सिर्फ तीन देशों को क्यों शामिल किया और श्रीलंका और म्यांमार को तब बख्शा जब इन देशों से भी प्रवासी भारत आए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी गरीबों, किसानों और अल्पसंख्यकों की चिंता को दूर करने के लिए सड़कों से संसद तक आंदोलन जारी रखेगी।

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