अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है, जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि 5 जनवरी के बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है। इसी बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति से जुड़ी एक बहुत बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अखिलेश यादव गुरुवार शाम लखनऊ में अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से मिलने उनके घर पहुंचे हैं। जिसके बाद काफी कयास लगाए जा रहे थे। इस दौरान दोनों पार्टियों के बीच यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर सहमति बन गई है। यह जानकारी खुद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दी
अखिलेश का ट्वीट
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।
क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। #बाइस_में_बाइसिकल pic.twitter.com/x3k5wWX09A
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 16, 2021
अखिलेश ने ट्विटर पर लिखा, प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है।
अखिलेश यादव और शिवपाल की यह मुलाकात एक लंबे वक्त के बाद हुई है। शिवपाल यादव का आवास लखनऊ के गौतमपल्ली इलाके में है और अखिलेश एसपी के कुछ नेताओं के साथ उनके घर गए हैं। शिवपाल के घर अखिलेश यादव के आने की सुगबुगाहट तेज होने के साथ यहां पर एसपी नेताओं की आवाजाही तेज हो गई है। शिवपाल के घर के बाहर बड़ी संख्या में एसपी के कार्यकर्ता जुट रहे हैं।
एसपी सरकार में कद्दावर चेहरे के रूप में रहे शिवपाल
शिवपाल सिंह यादव पूर्व में अखिलेश यादव की सरकार के सबसे कद्दावर मंत्री के रूप में काम करते रहे हैं। मुलायम सिंह की सरकार के वक्त से ही उन्हें समाजवादी पार्टी का एक कद्दावर चेहरा माना जाता है। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच दूरियां पनप गई थीं। शिवपाल ने इसके बाद अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर लिया था।
शिवपाल ने कहा था- पार्टी के विलय के लिए तैयार
बीते दिनों से ही ऐसी अटकलें सामने आ रही थीं कि शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव एक बार फिर साथ आ सकते हैं। अखिलेश ने कहा था कि शिवपाल यादव उनके चाचा है और समाजवादी पार्टी उनका सम्मान करेगी। शिवपाल यादव ने हाल में कई बयानों में यह कहा था कि वह समाजवादी पार्टी में अपनी पार्टी के विलय के लिए भी तैयार हैं और एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भी यही इच्छा है।