उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में साथ आई चाचा-भतीजा की जोड़ी फिर एक बार टूटने की कगार पर आकर खड़ी है, दरअसल नाराज चल रहे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) शिवपाल यादव ने अपने भतीजे और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ कथित मतभेदों को एक नया मोड़ देते हुए बुधवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। यह बैठक सीएम आवास पर हुई और करीब 20 मिनट तक चली। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह शिवपाल द्वारा विधायक दल की बैठक में आमंत्रित नहीं करने के लिए सपा की आलोचना की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया था, जिसमें चार दिन पहले अखिलेश को पार्टी का नेता चुना गया था।
शिवपाल और योगी की बैठक को मात्र शिष्टाचार मुलाकात का दिया नाम
बताते चलें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने चाचा और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव को अपने गठबंधन सहयोगियों ओम प्रकाश राजभर, पल्लवी पटेल और राजपाल बाल्यान के साथ 29 मार्च को सपा कार्यालय में एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था, जिसमें शिवपाल शामिल नहीं हुए थे। हालांकि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद शिवपाल चुप्पी साधे रहे- उन्होंने बैठक की तस्वीर ट्वीट नहीं की- उनकी पार्टी ने इस बैठक को “मात्र शिष्टाचार मुलाकात” का नाम दिया।
पीएसपीएल के मुख्य प्रवक्ता ने बैठक को लेकर कही ये बात
बैठक के बारे में पूछे जाने पर पीएसपीएल के मुख्य प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने कहा, “शिवपालजी उत्तर प्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक हैं और योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री होने के अलावा सदन के नेता भी हैं। इसलिए उनकी बैठक से कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। पूर्व में भी सीएम ने सदन के वरिष्ठ सदस्य के रूप में उनका (शिवपाल) अनुभव मांगा था। यह महज एक शिष्टाचार की मुलाकात थी, शिवपाल जी ने स्पीकर के साथ भी मुलाकात की थी।”
क्या भाजपा में शामिल हो जाएंगे शिवपाल?
वहीं उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में शिवपाल के भाजपा में शामिल होने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है, दरअसल विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा यादव ने सपा का साथ छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया था ठीक उसी तरह से नाराज शिवपाल यादव के भी भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। अभी यह कहना मुश्किल है कि शिवपाल भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे या अपनी पार्टी को एनडीए का हिस्सा बनाएंगे। जानकारी के मुताबिक अधिक संभावना बीजेपी में शामिल होने की है, क्योंकि भाजपा उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाने का प्रस्ताव दे रही है।
शिवपाल के बेटे को भी मिल सकता है टिकट
इसके साथ ही भाजपा जसवंतनगर की खाली होने वाली सीट पर शिवपाल के बेटे आदित्य यादव को चुनाव लड़वा सकती है। बता दें कि शिवपाल सिंह यादव यूपी विधानसभा चुनाव में अपने बेटे के लिए टिकट चाहते थे, लेकिन अखिलेश यादव ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया था। अखिलेश यादव की ओर से आजमगढ़ की सीट खाली किए जाने के बाद इस पर छह महीने के भीतर उपचुनाव होना है। एक चर्चा यह भी है कि शिवपाल यादव को भाजपा इस सीट से उतार सकती है। यह सीट सपा के लिए सुरक्षित मानी जाती है।