दुनिया के सात अजूबों में शमिल आगरा स्थित ताजमहल की सुंदरता पर खतरा पैदा हो गया है। ताजमहल के आसपास नदी में पानी की कमी हो गई है। पानी की कमी होने के कारण इस धरोहर की सुंदरता के लिए खतरा तो है ही साथ ही इसकी नींव भी कमजोर हो रही है। आगरा के मेयर नवीन जैन ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है।
मेयर ने कहा, 90 नालों में से 29 नालों का पानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए फिल्टर कर यमुना नदी में छोड़ा जाता है। बाकी बचे 61 नालों के पानी के लिए मंजूरी लेनी होगी। विकल्प के तौर पर स्पेशल केमिकल के जरिए नालों का पानी फिल्टर किया जा रहा है। हम ताजमहल की सुंदरता के बारे में चिंतित है क्योंकि इसके चारों ओर पानी की निरंतरता की कमी है। ताजमहल के आसपास लगातार पानी का प्रवाह भी इसकी नींव को मजबूत करता है। यदि इसके आसपास पानी नहीं हुआ तो कई या शैवाल लगे है ,इस कारण कीड़े होने से ताजमहल की सुंदरता में बाधा डाल रहे है। केंद्र सरकार से अनुरोध है कि इस ओर ध्यान दें।
सरकार ने ताजमहल समेत सभी तीनों इमारतों को बचाने के लिए यमुना नदी में पांच काम शुरू कराने की बात कही थी। इसमें यमुना नदी से गाद निकालने की प्रक्रिया भी शामिल है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की विज्ञान शाखा ने भी कहा है कि ताजमहल को खतरे से बचाने के लिए यमुना नदी के गाद को बाहर निकालना होगा। साथ ही खरपतवार को हटाना होगा। नदी में पानी छोड़ना होगा। लगातार पानी के बहाव को बनाए रखने और स्मारकों की बेहतर सफाई पर ध्यान देना होगा।