उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा के बाद सियासी घमासान तेज हो गया है। विपक्ष लगातार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय के इस्तीफे की मांग कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में कल शुक्रवार तक उत्तर प्रदेश सरकार को विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए जाने के बाद पुलिस एक्शन में आती दिख रही है। आज गुरुवार को दो लोगों को हिरासत में लिए जाने के बाद अब केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे को शुक्रवार को क्राइम ब्रांच बुलाया गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के घर के बाहर नोटिस चिपका दिया गया है। लखीमपुर पुलिस ने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को तलब किया है। आशीष को शुक्रवार सुबह 10 बजे क्राइम ब्रांच में बुलाया गया है।
इससे पहले लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में आशीष पांडे और लव कुश को हिरासत में ले लिया गया। दोनों से पूछताछ की जा रही है। इस घटना में आशीष पांडे और लव कुश भी शामिल थे और दोनों घायल भी हुए थे। आईजी रेंज लक्ष्मी दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही हैं। लखीमपुर खीरी घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में आज गुरुवार को अहम सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार को एक दिन का वक्त दिया और कल शुक्रवार को विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद इस विस्तृत रिपोर्ट में मृतकों की जानकारी, FIR की जानकारी के अलावा किसे अरेस्ट किया गया और जांच आयोग आदि के बारे में सारी जानकारी देनी है।
आशीष मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को यह भी आदेश दिया कि मृत किसान लवप्रीत सिंह की मां के इलाज के लिए हरसंभव मदद दी जाए। बेटे की मौत की खबर सुनकर मां को गहरा झटका लगा था, तब से वह बीमार हैं। लखीमपुर खीरी कांड में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हुई थी जिसमें 2 बीजेपी कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक पत्रकार शामिल थे। लेकिन हादसे के चौथे दिन यानी आज तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। हादसे में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज है। आरोप है कि उन्होंने ही गाड़ी से किसानों को कुचला था।
घटना के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से मारे जाने वाले सभी 8 लोगों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई। इसके अलावा घायलों को 10-10 लाख रुपये दिए जाने हैं। साथ ही मृतक किसानों के परिवार से एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा भी किया गया था।