उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बबुरहा गांव में तीन नाबालिग लड़कियां बेहोशी की हालत में पाई गई हैं। इनमें से दो लड़कियों को जिला अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया है, जबकि तीसरी लड़की अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। इस घटना को लेकर इलाके के लोग गांव में धरने पर बैठ गए हैं। लोगों ने मांग की है कि परिवार वालों को थाने में ना बैठाया जाए, परिवार को इंसाफ़ दिया जाए। इस घटना के बाद गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है। उन्नाव जनपद के नौ थानों की पुलिस फोर्स गांव में तैनात है।
पुलिस के मुताबिक, बुधवार दोपहर को ये तीनों लड़कियां मवेशियों के लिए चारा लेने खेत में गई हुई थीं। देर शाम तक घर वापस न लौटने पर इनके परिवारवालों ने इन्हें ढूंढ़ना शुरू कर दिया और तभी ये लड़कियां खेत में बेहोशी की हालत में मिलीं। खेत में ये लड़कियां दुपट्टे से बंधी हुई मिलीं। इनके मुंह से झाग आ रहा था, जिससे इन्हें जहर दिए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। लड़कियों के शरीर पर कपड़े थे।
समाजवादी पार्टी के एमएलसी ने आरोप लगाया है कि उन्नाव पुलिस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने इस मामले पर एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है। सूचना आ रही है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पीड़ित परिवार से मुलकात करने के लिया गांव पहुंच सकते है।