उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के लिये ग्रामीण क्षेत्र में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने का मौका बने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनावों में 18 उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना जाना तय हो चुका है जिनमें करीब 13 सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार बुलंदशहर,मऊ,गोरखपुर,गोंडा,बलरामपुर,श्रावस्ती,चित्रकूट, इटावा, ललितपुर,झांसी,आगरा,मुरादाबाद,नोएडा,गाजियाबाद और मेरठ में सिर्फ एक उम्मीदवार ने नामांकन कराया वहीं बांदा में दो और अमरोहा एवं वाराणसी में एक एक नामांकन पत्र जांच के बाद निरस्त किये जाने से एकमात्र उम्मीदवार का निर्विरोध चुना जाना तय है।
आगरा से मंजू भदौरिया,़गात्रियाबाद से ममता त्यागी,मुरादाबाद से डॉ। शेफाली, बुलंदशहर से डॉ। अंतुल तेवतिया, ललितपुर से कैलाश निरंजन,मऊ से मनोज राय,चित्रकूट से अशोक जाटव,गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी,श्रावस्ती से दद्दन मिश्र,गोरखपुर से साधना सिंह,बलरामपुर से आरती तिवारी,झांसी से पवन कुमार गौतम,गोंडा से घनश्याम मिश्र का भाजपा प्रत्याशी के तौर पर जीतना तय है वहीं मेरठ से गौरव चौधरी,गौतमबुद्ध नगर में अमित चौधरी के अलावा इटावा से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई सपा के अभिषेक यादव का निर्वाचन तय है।
जौनपुर में सबसे ज्यादा पांच उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है जबकि प्रतापगढ,बागपत और सीतापुर में चार चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में है।
मथुरा,फिरोजाबाद,मैनपुरी,कन्नौज,कानपुर देहात,कानपुर,लखनऊ, चंदौली,मीरजापुर और सोनभद, में दोहरा मुकाबला है जिनमे ज्यादातर सीटों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार आमने सामने हैं।