उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कोई उम्मीदवार पहला कदम कदम रख रहा है तो कोई अपनी बरसो पुरानी विरासत को बनाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है। ऐसा ही एक नाम है नरेश अग्रवाल, जो अपने परिवार को 36 साल पुरानी विरासत को बचाए रखने के लिए तैयारियों में जुटे हैं।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में किंग मेकर के तौर पर पहचाने जाने वाले पूर्व सांसद और मंत्री नरेश अग्रवाल हरदोई सीट से अपने परिवार की विरासत को बचाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। बीते 36 साल से हरदोई सीट पर उनके परिवार का कब्जा रहा है। इस बार वह अपने बेटे नितिन अग्रवाल के लिए काम कर रहे हैं, जो हरदोई सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं।
BJP ने अखिलेश के लिए रचा चक्रव्यूह, SP की होगी अग्निपरीक्षा? तीसरे चरण के लिए आज थमेगा चुनाव प्रचार
नरेश अग्रवाल ने कांग्रेस में अपना करियर शुरू किया और 1997 में कांग्रेस को विभाजित होने के बाद कल्याण सिंह सरकार में मंत्री बने। वह बसपा और फिर सपा में चले गए। उनके बेटे नितिन अग्रवाल ने 2012 में अपनी राजनीतिक शुरूआत की और तब से दो बार हरदोई सीट जीत चुके हैं। नितिन 2017 में सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
वे कहते हैं, “यह योगी आदित्यनाथ की कानून-व्यवस्था और मोदी का समर्पण है जो बीजेपी के पक्ष में वोट दिलाएगा।अखिलेश बीजेपी को गाली देने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं।” वह आगे कहते हैं कि एसपी अब शौकीनों के हाथ में है। “अखिलेश यादव के पास कोई अनुभवी राजनेता नहीं है। शिवपाल सिंह यादव की हालत देखें। राम गोपाल यादव घर बैठे हैं। आज, मुलायम सिंह यादव भले ही टिकट मांगें, उन्हें नहीं मिल सकता है।”
“सपा के पास वोट मांगने का कोई विजन नहीं है और वह सिर्फ जाति के आधार पर यूपी का चुनाव लड़ रही है। मैंने 2009, 2012 और 2017 में हरदोई से चुनाव एसपी के कारण नहीं जीता, बल्कि एसपी मेरी वजह से जीता। यहां सपा का कोई आधार नहीं है।” नितिन इस सीट पर अपनी हैट्रिक की तैयारी कर रहे हैं और चुनावी चक्रव्यूह में उनके पिता उनका बखूबी मार्गदर्शन कर रहे हैं।