उत्तर प्रदेश में राज्य के एटीएस (आतंकवाद रोधी दस्ते) ने बांग्लादेशी रोहिंग्याओं को भारत में घुसपैठ कराने वाले गिरोह के एक प्रमुख सदस्य को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार शख्स की पहचान कय्यूम के रूप में हुई है। एटीएस के महानिरीक्षक गजेंद्र कुमार गोस्वामी ने बताया कि, यह गिरोह फर्जी हिंदू पहचान का इस्तेमाल कर बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के लिए भारतीय पासपोर्ट बनवाता था और उन्हें काम के लिए विदेश भेज देता था।
गिरफ्तार अन्य आरोपियों से पूछताछ के दौरान आया था नाम
एटीएस अधिकारी ने बताया कि, कय्यूम का नाम सोमवार को कानपुर और कोलकाता से गिरफ्तार नौ आरोपियों से पूछताछ के दौरान सामने आया था। आईजी ने कहा कि, हमने नई दिल्ली के कटवारिया सराय में रहने वाले कय्यूम से लखनऊ में एटीएस मुख्यालय में खोखान सरदार के रूप में फर्जी पहचान पर पूछताछ की और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया। अधिकारी गोस्वामी ने कहा कि, पूछताछ के दौरान कय्यूम ने खुलासा किया कि वह सिंडिकेट का एक प्रमुख सदस्य था और उसे बिना किसी परेशानी के बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं को हवाई अड्डों से उनके गंतव्य तक सुरक्षित प्रस्थान सुनिश्चित करने का काम दिया गया था।
कानपुर से भी किए हैं गिरफ्तार
अधिकारियों ने कहा कि कय्यूम अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में कुशल है और उसे इस काम के लिए एक लाख रुपये का भुगतान किया गया था। उन्होंने ने कहा कि, यदि कोई बांग्लादेशी या रोहिंग्या हवाई अड्डे पर लड़खड़ाता है या किसी राज्य में किसी परेशानी में पड़ता है, तो कय्यूम स्थिति से निपटता था। एटीएस को आरोपी के पास से फर्जी पहचान पत्र बरामद हुए है। विभाग ने सोमवार को कानपुर से गिरफ्तार नौ बांग्लादेशियों को 12 दिन की पुलिस हिरासत में भी लिया है।