उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सपा नेता आजम खान को कोर्ट से भी बड़ी राहत मिली है। लखनऊ हाई कोर्ट ने आजम खान सहित अन्य आरोपियों को जल निगम भर्ती घोटाला मामले में जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की पीठ ने आजम की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि शासकीय अधिवक्ता कोई ऐसा निर्णायक सबूत पेश नहीं कर पाए हैं जिससे उत्तर प्रदेश राज्य जल निगम में हुए भर्ती घोटाले में आजम खां की सक्रिय भूमिका साबित हो।
आजम के खिलाफ दर्ज 87 मुकदमों में
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सभी तथ्यों और मामले से जुड़े हालात को देखते हुए हो सकता है कि आजम को आगे की जांच के लिए हिरासत में रखा जाना प्रथम दृष्टया जरूरी ना हो। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को यह बताया गया कि आजम के खिलाफ दर्ज 87 मुकदमों में से दो को छोड़कर बाकी में उन्हें जमानत मिल चुकी है। उन दो मुकदमों में जल निगम भर्ती घोटाले का मुकदमा भी शामिल है। इस मामले को लेकर वह 19 नवंबर 2020 से जेल में हैं।
गौरतलब है कि विशेष जांच दल ने उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में राज्य जल निगम में 1300 पदों पर हुई भर्ती में अनियमितता के आरोप में आजम खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
रामपुर से चुनाव जीते आजम खान
जेल में बंद सपा सांसद आजम खान रामपुर सदर से चुनावी मैदान में थे। आजम के पुत्र अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार टांडा सीट से प्रत्याशी थे। इस चुनाव में पिता-पुत्र ने जीत दर्ज कर अपनी राजनैतिक विरासत कायम रखी है। रामपुर सदर में सांसद आजम खान को 130649 वोट मिले हैं, जबकि उनके मुकाबले रहे भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना को 75411 मत मिले। इस तरह आजम खान ने जिले में सबसे ज्यादा वोट हासिल किए।