भारत सरकार के नए आईटी नियमों का पालन न करना ट्विटर को महंगा पढ़ गया है। अब ट्विटर से भारतीय आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिली कानूनी कार्रवाई से छूट को खत्म कर दिया गया है और अब ट्विटर पर यूजर जो पोस्ट करेंगे उसके लिए ट्विटर को भी जिम्मेदार माना जाएगा।
मामले में बताया जा रहा कि गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर इलाके में बुर्जग के साथ मारपीट और अभद्रता का वीडियो वायरल हुआ था। जिसेक बाद पुलिस ट्विटर के खिलाफ धार्मिक भावना को भड़काने का आरोप लगाया है। मामले में राजनीति रंग लेने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर सवाल खड़े किए तो सीएम योगी ने पलटवार कर राहुल गांधी को हिदायत दे दी कि यूपी को बदनाम न करें। अब यूपी पुलिस भी एक्शन मोड में आ गई है।
पुलिस ने ट्विटर, जुबेर, राना अय्यूब के साथ-साथ 9 लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। इन पर आरोप है कि सभी ने गलत सूचना को बिना सत्यापित किए प्रसारित करने का काम किया है। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ईराज राजा ने बताया कि तथ्यों के आधार पर इन सभी लोगों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है। 5 जून को एक समुदाय विशेष के बुजुर्ग को बंधक बना कर धार्मिक नारे लगाने, मारपीट कर दाढ़ी काटने का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
इस मामले में पुलिस पहले ही आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है। इसमें तीन आरोपियों की गिरफ्तारी भी चुकी है। पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में जुबेर अहमद, राना अय्यूब, द वायर, सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, डॉ समा मोहम्मद, सबा नकवी के साथ ट्विटर INC, और ट्विटर कम्युनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामजद है. इन पर IPC की धारा 153,153A, 295A, 505,120B और 34 में केस दर्ज किया गया है।
वायरल वीडियो की जांच
इससे पहले गाजियाबाद पुलिस ने कहा था कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जांच की गई है। सोशल मीडिया पर बुज़ुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता, दाढ़ी काटने के वायरल वीडियो की जांच में यह पाया गया कि पीड़ित अब्दुल समद 5 जून को बुलंदशहर से लोनी बॉर्डर के बेहटा आया था। अब्दुल समद वहां से एक अन्य व्यक्ति के साथ मुख्य आरोपी प्रवेश गुज्जर के घर बंथला गया था।
पुलिस के मुताबिक परवेश के घर पर कुछ समय में कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद आदि लड़के आ गए और परवेश के साथ मिलकर अब्दुल समद के साथ मारपीट शुरु कर दिया। उनके मुताबिक अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है और उसके दिए ताबीज से उनके परिवार पर उल्टा असर हुआ था. इस वजह से उन्होंने ये कार्य किया।
गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक अब्दुल समद और प्रवेश, आदिल, कल्लू एक दूसरे से पहले से ही परिचित थे। अब्दुल समद ने गांव में कई लोगों को ताबीज दिए थे। पुलिस ने ये भी बताया था कि इस मामले में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर मुख्य अभियुक्त प्रवेश गुज्जर, कल्लू और आदिल को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि इस मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है।
सरकार ने पहले ही ट्विटर को यह चेताया था कि अगर उसने नए आईटी नियमों का पालन नहीं किया तो उसे आईटी कानून के तहत दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। इसके साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।