उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लाभार्थियों के कथित रूप से हुए फर्जीवाड़े में हुई शिकायत पर जांच शुरु कर दी गई है। जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने गुरूवार को बताया कि, गरीब और निर्बल वर्ग के परिवारों की कन्याओं की शादियों के लिए शासन द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का संचालन कराया जा रहा है, जिसमें सभी नगर निकाय और विकास खण्ड स्तर पर आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रमो में चयनित जोड़ों की शादियां सम्पन्न कराई जाती है। इनमे अलग-अलग धर्म व समुदाय के आधार पर परम्परागत तरीके से समग्र वैवाहिक कार्यक्रम सम्पादित कराकर वर एवं वधू को निश्चित अनुदान और उपहार प्रदान करके विदा किया जाता है।
शादी होने के बावजूद फिर से निर्धारित की गई नई तारीख
जिलाधिकारी ने बताया कि, जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह के लाभार्थियों द्वारा सरकारी सहायता के हासिल कर लेने के लालच में फर्जीवाड़ा किये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है। कतिपय परिवारों द्वारा विभिन्न जोड़े की शादियां सामूहिक समारोह में सम्पन्न होने के बावजूद फिर से उनके विवाह की तिथि निर्धारित की गयी। इसके चलते गत 11 दिसम्बर को जिले में विभिन्न स्थानों पर हुए सामूहिक विवाह कार्यक्रमो के उपरांत अनेक परिवारों द्वारा दुल्हन बनी बेटियों को ससुराल के लिए भी विदा नहीं किया गया। प्रशासन को इस प्रकार के मामलों में कुछ शिकायतें संबंधित वर पक्ष से प्राप्त हुई तो अनेक प्रकरणों में जानकारी ग्रामीणों ने दी। मुख्यमंत्री की इस योजना में शासन द्वारा प्रत्येक जोड़े को 51 हजार रुपये मूल्य की सामग्री उपहार स्वरूप प्रदान कराए जाने का प्रावधान है।
बड़ी संख्या में आई है शिकायत
इस मामले में महोबा जिले करे डीएम ने बताया कि, बड़ी संख्या में इस प्रकार के मामलों के प्रकाश में आने पर उनकी जांच के आदेश दिए गए है। उल्लेखनीय है कि, पिछले दिनों 11 दिसम्बर 2021 को महोबा जिले में खण्ड विकास कार्यालय कबरई, बेलाताल, पनवाड़, चरखारी के अलावा नगर पंचायत कबरई द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया था। इन सभी स्थानों पर कुल 263 नव युगल परिणय सूत्र में बंधे थे।