उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव को लेकर सियासी दंगल जोरो पर है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्षी दल एक-दूसरे पर जमकर प्रहार कर रहे है। पश्चिमी यूपी में राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) नेता जयंत चौधरी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच जुबानी जंग जारी है।
देश के बड़े नेता मेरी चिंता कर रहे हैं
वहीं भाजपा भी समाजवादी पार्टी गठबंधन पर निशाना साधने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। शनिवार को अखिलेश और जयंत चौधरी की एकजुटता का उपहास उड़ाया। इसका जवाब देते हुआ जयंत चौधरी ने कहा कि देश के बड़े नेता मेरी चिंता कर रहे हैं। इसका मतलब मैं ठीक कर रहा हूं।
भाजपा वाले मेरे कोई रिश्तेदार हैं, जो मैं उनकी मान लूं
देश के बड़े नेता मेरी इतनी चिंता कर रहे हैं। अच्छा लगता है….इसका मतलब है, मैं ठीक ही कर रहा हूँ!— Jayant Singh (@jayantrld) January 30, 2022
साथ ही उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा वाले मेरे कोई रिश्तेदार हैं, जो मैं उनकी मान लूं। मैंने विवेकपूर्ण और अपने लोगों के हितों को ध्यान में रखकर फैसला लिया है। भविष्य की और सकारात्मक राजनीति को देखते हुए मैंने फैसला लिया है। जिनसे मुकाबला है हमारा, वो निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि हमारे बीच फूट पड़ जाए। ‘
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अमित शाह ने बोला था तीखा जुबानी हमला
बता दें कि केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को अखिलेश और जयंत चौधरी की एकजुटता का उपहास उड़ाया और कहा, आजकल अखिलेश यादव और जयंत साथ-साथ दिख रहे हैं, लेकिन यह सिर्फ वोटिंग तक का साथ है, अगर गलती से भी इनकी सरकार बन गई तो जयंत चौधरी जी फिर कहीं नहीं दिखेंगे, तब फिर से आजम खान और अतीक अहमद सामने आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह इनके अखिलेश के टिकट बांटने से ही सबको साफ साफ समझ आ गया है।
लोकतंत्र में वोट की शक्ति के महत्व को समझाने के लिए कबीरदास का दोहा उद्धृत किया, कबीरा लोहा एक है, गढ़ने में है फेर, ताहि का बख्तर बने, ताहि की शमशेर। दोहे के माध्यम से उन्होंने साफ किया कि मतदाता का एक वोट माफिया राज से मुक्ति भी दिला सकता है और माफिया राज वापस भी ला सकता है।