उत्तर प्रेदश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने शहर में हाउस टैक्स बढ़ाने की पहल शुरू कर दी हैं। हालांकि, इसके पीछे की मिस्ट्री यह है कि टैक्स बढ़ाने के मामलें को लेकर महापौर और पार्षदों को इसमें दलाली का काम व्यापक तौर से खत्म हो जाएगा । मिली जानकारी के मुताबिक यह पता चला है कि योगी जी यूपी को आर्थिक रूप से मजबूत करना चाहते हैं। इस पहल को अंजाम देने के लिए 13 अधिकारियों की एक उच्च स्तरीए कमेटी भी बना दी गई हैं।
हाउस टैक्स को लेकर बोले नगर निगम अधिनियम
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक नगर निगम अधिनियम में हर दो साल में टैक्स बढ़ाने का प्रावधान है. कमेटी मे शामिल एक अधिकारी ने बताया कि अब ऐसी व्यवस्था की जाएगी जिससे हर दो साल में टैक्स बढ़ जाएगा. टैक्स बढ़ाने में पार्षदों और महापौर की कोई दखलअंदाजी नहीं रहेगी।
हाउस टैक्स बढ़ने के बाद क्या होगी नई दरें
हालांकि, लखनऊ के पॉश इलाके गोमती नगर में लगभग 1 हजार वर्ग फुट में मकान बनाने वालों को अभी सालान दो हजार रुपए का हाउस टैक्स देना पड़ता है. यदि हाउस टैक्स की दरें बढ़ाई जाती हैं तो हाउस टैक्स सालाना 4 हजार रुपए देना होगा. आलमबाग में फिलहाल 1 हजार वर्गफुट के मकान पर 1200 रुपए हाउसटैक्स देना होता है टैक्स बढ़ने के बाद लोगों को 2400 रुपए सालाना देने होंगे ।
नगर निगम 300 करोड़ के घाटे में चल रही
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक योगी सरकार की यह नई योजना यूपी को एक उजागर राज्य की ओर लेकर जाएगी । हालांकि, इस इस अहम योजना से नगर निगम आत्मनिर्भर हो सकेगी। नगर विकास के विशेषाधिकारीयों ने औपचारिक तौर से स्पष्ट किया है कि नवाबों का शहर लखनऊ क नगर निगम 300 करोड़ के घाटे में चल रही हैं।