यूपी: योगी सरकार 2.0 में मौर्य फिर बने उपमुख्यमंत्री, जानिए क्यों चुनाव हारने के बावजूद मिली यह अहम जिम्मेदारी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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यूपी: योगी सरकार 2.0 में मौर्य फिर बने उपमुख्यमंत्री, जानिए क्यों चुनाव हारने के बावजूद मिली यह अहम जिम्मेदारी

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पिछड़े वर्गों के समर्थन ने भारतीय जनता पार्टी को हालिया विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्ता बरकरार रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उत्तर प्रदेश के हालिया विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेता केशव प्रसाद मौर्य को उप मुख्यमंत्री बनाये रखना उनकी लोकप्रियता और पिछड़े वर्गों में उनकी पकड़ को प्रदर्शित करता है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पिछड़े वर्गों के समर्थन ने भारतीय जनता पार्टी को हालिया विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्ता बरकरार रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।  
इसलिए दूसरी बार बने उप मुख्यमंत्री  
राज्य में दूसरी बार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले मौर्य (52) विधानसभा चुनाव में सिराथू से पार्टी के उम्मीदवार थे, लेकिन करीब सात हजार मतों से वह पराजित हो गये। मौर्य की हार के बाद मंत्रिमंडल में उन्हें जगह मिलने या नहीं मिलने के बारे में कयास लगाये जा रहे थे, लेकिन उनके शपथ ग्रहण करने के साथ ही यह साफ हो गया कि पार्टी में उनकी अहमियत तनिक भी कम नहीं हुई है।  
मौर्य ने भी हिंदुत्व के एजेंडे को ऊपर रखा 
उनका जन्म कौशांबी जिले के सिराथू कस्बे में हुआ था। भाजपा सूत्रों के अनुसार, मौर्य ने बचपन में अपने माता-पिता का खेती-बारी में हाथ बंटाया, चाय दुकान चलाई और समाचार पत्र भी बेचे। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अशोक सिंहल के मार्गदर्शन में राजनीति में सक्रिय हुए और अपनी एक अलग पहचान बनाई। मौर्य ने भी हिंदुत्व के एजेंडे को ऊपर रखा। वह विहिप और बजरंग दल में 18 वर्षों तक प्रचारक भी रहें। मौर्य 2002 और 2007 में इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से चुनाव में मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा। इसके बाद संगठन में उन्होंने अपनी सक्रियता बढ़ाई।  
राम जन्मभूमि और गोरक्षा आदि आंदोलनों के दौरान मौर्य जेल भी गये  
भाजपा ने 2012 में मौर्य को सिराथू विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गये। मौर्य, जब सिराथू में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते थे तब आसपास के जिलों में अधिकांश सीटों पर उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2013 में मौर्य ने इलाहाबाद के एक कॉलेज में एक ईसाई धर्म प्रचारक के आने के विरोध में प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। श्री राम जन्मभूमि और गोरक्षा आदि आंदोलनों के दौरान मौर्य जेल भी गये थे।  
2016 में उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया 
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मौर्य को पार्टी ने फूलपुर से उम्मीदवार बनाया और वह रिकार्ड मतों से चुनाव जीत गये। इसके बाद, उन्हें 2016 में उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मौर्य ने राज्य भर का व्यापक दौरा कर पिछड़े वर्गों का समर्थन जुटाया। उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक नया कीर्तिमान बनाया। उप्र की 403 विधानसभा सीटों में पार्टी ने 312 और सहयोगी दलों ने 13 सीटें जीत ली। मौर्य को पिछली सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाया गया था।

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