उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के मतदान वाली विधान परिषद की 36 सीटों के लिए होने जा रहे चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने छह उम्मीदवारों की सोमवार को सूची जारी कर दी। आगामी 9 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है। भाजपा ने जिन छह सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित किये हैं, उनमें सुल्तानपुर सीट पर विधान परिषद के पूर्व सदस्य (एमएलसी) शैलेंद्र सिंह भी शामिल हैं। वह हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए हैं।
जानें किसे कहां से मिली सीट?
इसके अलावा भाजपा ने कानपुर फतेहपुर सीट से अविनाश सिंह चौहान, बस्ती सिद्धार्थनगर क्षेत्र से सुभाष यदुवंशी, वाराणसी सीट से सुदामा पटेल, जौनपुर सीट पर बृजेश सिंह और मिर्जापुर सोनभद्र से विनीत सिंह को एमएलसी का टिकट दिया गया है। इसके साथ ही भाजपा, विधान परिषद के चुनाव वाली सभी 36 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इस चुनाव के लिए आज नामांकन की समय सीमा समाप्त होने के बाद कल, 22 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। इसके बाद 24 मार्च को नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है, जबकि नौ अप्रैल को मतदान होगा और 12 अप्रैल को मतगणना होगी।
विधान परिषद की मुजफ्फरनगर सहारनपुर सीट सहित 36 सीटों के लिये दो चरण में होने वाले चुनाव के लिये दोनों प्रमुख पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने वंदना मुदित वर्मा को उम्मीदवार बनाया है जबकि सपा ने मोहम्मद आरिफ को इस सीट पर टिकट दिया है। भाजपा की प्रत्याशी वंदना वर्मा, वर्तमान में मुजफ्फरनगर की जिला पंचायत की सदस्य हैं। वह बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वर्गीय शशांक शेखर के भाई हैं मुदित वर्मा की पत्नी हैं। सपा के उम्मीदवार मोहम्मद आरिफ को रालोद का भी समर्थन प्राप्त है।
SP और BJP के बीच होगा दिलचस्प मुकाबला
सपा और भाजपा के बीच इस चुनाव को लेकर दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है। आरिफ कारोबारी हैं और उन्होंने 2017 में मुजफ्फरनगर की बुढ़ना विधान सभा सीट से बसपा से टिकट मांगा था, लेकिन बसपा ने सईदा बेगम को अपना उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद से आरिफ सपा से जुड़ गए। भाजपा उम्मीदवार वंदना वर्मा सपा और बसपा की सरकारों में मुजफ्फरनगर की जिला सहकारी बैंक की अध्यक्ष रह चुकी हैं। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गई थी।
वंदना वर्मा जिला पंचायत अध्यक्ष पद का भाजपा से टिकट चाहती थी, लेकिन वीरपाल निर्वाल को टिकट दे दिया गया था। वह विधान सभा चुनाव में भी मीरापुर सीट से भाजपा टिकट की दावेदार थी, लेकिन उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया गया। इस सीट से पूर्व में बसपा के महमूद अली, उनके भाई मोहम्मद इकबाल, चौधरी गजे सिंह और मुनव्वर हसन विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं।