समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) में अपनी नाराजगी को खुले तौर पर साझा किया। शिवपाल ने कहा कि अखिलेश के नेतृत्व में सपा हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव जीत सकती थी अगर उन्होंने प्रसपा के 100 सदस्यों को टिकट दिया होता। इसके साथ ही शिवपाल ने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के नेता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफों के पुल बांधे।
शिवपाल ने की सीएम योगी की सराहना साथ ही कसा तंज
जब शिवपाल यादव ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को “ईमानदार और मेहनती” बताया, तब भाजपा विधायकों ने उनके बयान का स्वागत करते हुए अपनी मेजें थपथपाईं। बता दें कि शिवपाल का यह बयान इसलिए भी बहुत जरूरी हो जाता है क्योंकि हाल ही में उन्होंने विधानसभा में अपनी सीट बदलने का अनुरोध किया था, जिसका सीधा मतलब यही था कि वह अखिलेश के पीछे और सपा विधायकों के साथ नहीं बैठना चाहते।
बता दें कि शिवपाल सिंह यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ कि तारीफ के साथ-साथ उनपर तंज भी किया। शिवपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री विपक्ष के समर्थन से ही उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर लेजा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीएम ने अगर कोरोना महामारी के वक्त सदन के सभी सदस्यों और अन्य लोगों का सहयोग लिया होता तो स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था। शिवपाल यादव यही नहीं रुके उन्होंने भाजपा के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा पार्टी का नारा है सबका साथ, सबका विकास लेकिन यहां सबका साथ नहीं लिया जा रहा है।
अखिलेश के लिए सामने आई शिवपाल की नाराजगी
शिवपाल यादव ने विधानसभा में कहा कि, “अगर वे (अखिलेश) चुनाव में हमारा साथ ले लेते, तो आज सत्ता में होते विपक्ष में नहीं। मैं यह उदाहरण देना चाहता हूं। यह सच है कि मैंने एक पार्टी बनाई थी। मैंने दो साल पहले 100 उम्मीदवारों की घोषणा की थी। अगर उन्होंने हमारे 100 उम्मीदवारों को टिकट दिया होता, तो वे सत्ता में होते। लेकिन वे यहां बैठे हैं क्योंकि उन्होंने हमारी सलाह नहीं मानी।”
बताते चलें की एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में शिवपाल ने सपा की लाल टोपी पर भी तंज कसा है। उन्होंने कहा कि “लाल टोपी महज वेशभूषा का एक हिस्सा है, किसी को कुछ पसंद है किसी को कुछ। लेकिन समाजवाद विचारों से आता है, लाल टोपी लगाने से नहीं आता है। सबको काम करना चाहिए। लोहिया जी के सिद्धांतों-विचारों पर चलकर ही समाजवाद लाया जा सकता है।”
शिवपाल यादव का भतीजे अखिलेश से आमना-सामना
1996 से जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिवपाल यादव ने सपा छोड़ने के बाद 29 अगस्त 2018 को पीएसपी (एल) का गठन किया। अखिलेश यादव ने 16 दिसंबर 2021 को अपने चाचा से मिलने के बाद यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सपा और पीएसपी (एल) के बीच गठबंधन की घोषणा की। शिवपाल यादव ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए अपनी सीट बरकरार रखी, लेकिन पार्टी जीत सत्ता में वापसी करने में नाकाम रही। वहीं, भाजपा ने 403 सदस्यीय विधानसभा में 255 सीटें जीतकर लगातार दूसरी जीत हासिल की।