उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में महिलाओं से जुड़े अपराधों को नियंत्रित करने में लापरवाही बरतने के आरोप में थाना खड्डा के प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश कुमार सिंह और अन्वेषक समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल द्वारा देर रात जारी निलंबन आदेश में यह कार्रवाई की गई है. जिन लोगों को सस्पेंड किया गया है उनमें दो महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। प्रभारी निरीक्षक और उनके अधीनस्थों पर कार्रवाई के बाद लापरवाह जांचकर्ताओं को कड़ा संदेश दिया गया है।
कोर्ट में बयान दर्ज कराने में भी बरती गई लापरवाही
जायसवाल ने कहा कि खड्डा थाने में पिछले दो माह में दर्ज महिलाओं से जुड़े अपराधों से जुड़े मामलों की समीक्षा की गयी।इसमें समय पर जांच न होने व कई अहम मामलों में प्रभारी निरीक्षक व अन्वेषक मनोज द्विवेदी की लापरवाही सामने आई है।यह पाया गया कि वे पीड़िता की तुरंत चिकित्सकीय जांच कराने में रुचि नहीं रखते थे। कोर्ट में बयान दर्ज कराने में भी लापरवाही बरती गई।
समीक्षा में सुधार नहीं हुआ तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा
उन्होंने कहा कि नाबालिग के अपहरण के मामलों में ठीक होने के तुरंत बाद पुलिस का यह कर्तव्य है कि वह पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण करे और जांचकर्ता द्वारा अदालत में उसका बयान दर्ज करे। इसे देखते हुए प्रभारी निरीक्षक के अलावा महिला हेल्प डेस्क पर तैनात निरीक्षक निरीक्षक मनोज द्विवेदी व दो महिला पुलिसकर्मी उमा सिंह व मानसी सिंह को निलंबित कर दिया गया। जायसवाल ने कहा कि जांच में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा। लापरवाह जांचकर्ताओं को अंतिम चेतावनी दी गई है। समीक्षा में सुधार नहीं हुआ तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।