यूपी सरकार ने बुंदेलखंड को हमेशा के लिए सूखे से छुटकारा दिलाने के लिए पहली बार सूखा से निपटने के लिए हर एक जिले से परियोजनाएं तैयार कर प्रस्ताव मांगें हैं। भेजी गए परियोजनाओं को राज्य आपदा मोचक निधि से बजट आवंटित किया जायेगा। इसके लिए संबंधित एक दर्जन विभागों को एडीएम से सूचित कर दिया है। जिला आपदा विशेषज्ञ प्रियेश रंजन मालवीय ने आज बताया कि बुंदेलखंड में हर साल बाढ़ और सूखा जैसी आपदाएं आने से इस क्षेत्र का विकास पूरी तरह अवरुद्ध होता जा रहा है। यहा न केवल जन धन की हानि होती है बल्कि बुंदेलखंड से लगातार लोगों का पलायन जारी है। जन प्रतिनिधियों द्वारा हर साल सरकार से इस आपदा से निपटने के लिये मांग की जा रही थी, लिहाजा शासन ने पहली बार सूखा न्यूनीकरण के तहत परियोजनाएं बनाने के लिये कहा है।
गर्मियों में बुंदेलखंड में पानी की होती है किल्लत
गर्मी शुरु होते ही समूचे बुंदेलखंड में पानी के लिये त्राहि त्राहि मचने लगती है,जल स्तर इतने नीचे चला जाता है कि हैंडपंप व सरकारी प्राइवेट नलकूप बंद हो जाते है,हालाकि इसके लिये शासन ने पांच साल पहले अर्जुन सहायक परियोजना की शुरुआत की थी मगर वह भी बुंदेलखंड में अभी तक चालू नही हो पायी है। शासन का मानना है कि यदि बु्ंदेलखंड मे बड़ बडे तालाब, व बड़ स्तर पर बरसात का जल रोक कर कोई परियोजना तैयार की जाये तो सूखा जैसी विभीषिका से बचा जा सकता है। हालांकि शासन ने जिले में सात ब्लाक में पांच ब्लाक डार्क जोन यानी सेमी क्रिटिकल घोषित कर दिया है, शासन ने इन सभी बिन्दुओ को ध्यान में रखते हुये नयी परियोजना तैयार करने को कहा है। बुंदेलखंड में सूखा में सबसे ज्यादा भयावह स्थिति चित्रकूट,बांदा व महोबा की बतायी जाती है। झांसी व जालौन में भी आपदा का कहर रहता है।
योजना के खर्च को राज्य आपदा मोचक निधि लिया जाएगा
शासन ने परियोजना बनाकर राहत आयुक्त कार्यालय लखनऊ बनाकर भेजने के आदेश हर एक जिलाधिकारी को दिये है। परियोजना को स्थापित करने मे जो भी खर्च आयेगा उसे राज्य आपदा मोचक निधि से बजट आवंटित किया जायेगा।
इसके लिये जिलाधिकारी हमीरपुर चंद्रभूषण ने सीडीओ, डीएफओ,सभी एसडीएम तहसीलदार,जिला अग्निशमन अधिकारी,डीपीआरओ,उपकृषि निदेशक,अधिशासी अभियंता मौदाहा बांध,लघुडाल नहर,नलकूप खंड,लोनिवि,जल निगम,विद्युत विभाग,डीआईओएस,डीपीओ,श्रम प्रवर्तन अधिकारी को पत्र लिखकर सुझाव मांगे हालाकि इसके लिये एक मार्च को संबंधित अधिकारियों की एक बैठक डीएम की अध्यक्षता मे सम्पन्न होगी।
सूखे से निपटने के लिए पंप हाउस का दिया सुझाव
लघु डाल नहर के अधिशासी अभियंता एसके त्रिवेदी का कहना है कि सूखा से निपटने के लिये भौडा गांव में पंप हाउस के लिये योजना बनाकर शासन को भेजी है यदि क्लीन चिंट मिलती है तो उसने करीब सौ से अधिक गावों को सिचाई की सुविधा मिल जायेगी। नलकूप विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि बुन्देलखंड में सूखा के निपटने के लिये वाटर रिचार्जिंग के साथ साथ नदियों का गठजोड़ करना आवश्यक है। तभी सातों जिलों को राहत मिल पायेगी।