प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के बाद विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, बसपा मुखिया मायावती, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने केन्द्र सरकार पर हमला बोला है।
अखिलेश ने केंद्र पर लगाए- किसानों को ठगने के आरोप
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले कानूनों से गरीबों- किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-कानून वापस ले ही लिए। भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सजा कब मिलेगी?
किसानों का संघर्ष और बलिदान रंग लया : मायावती
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि किसानों का संघर्ष और बलिदान रंग लया है। तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय बहुत पहले हो जाना चाहिए था। फिर भी किसानों की एमएसपी पर कानून की मांग लंबित है। बसपा की मांग है कि संसद के आगामी सत्र में केंद्र इस संबंध में (एमएसपी) पर कानून लाए।
19-11-2021-BSP PRESS NOTE-KRISHI QANOON WAPSI RE-ACTION pic.twitter.com/G9TZb1jnc8
— Mayawati (@Mayawati) November 19, 2021
प्रियंका ने केंद्र की नियत पर जताई आशंका
प्रियंका गांधी वाड्रा ने सिलसिलेवार तीन ट्वीट किया है। प्रियंका ने कहा कि आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख पर विष्वास करना मुश्किल है। किसान की सदैव जय होगी। जय जवान, जय किसान, जय भारत। उन्होंने कहा कि 600 से अधिक किसानों की शहादत, उनका 350 से अधिक दिन का संघर्ष, नरेन्द्र मोदी जी आपके मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार डाला, आपको कोई परवाह नहीं थी।
प्रियंका ने आगे कहा आपकी पार्टी के नेताओं ने किसानों का अपमान करते हुए उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडे, उपद्रवी कहा, आपने खुद आंदोलनजीवी बोला। उनपर लाठियाँ बरसायीं, उन्हें गिरफ्तार किया। अब चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी कि यह देश किसानों ने बनाया है, यह देश किसानों का है, किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती।
विजय यात्रा में अपार जनसमर्थन से डरकर लिया फैसला: राजभर
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि पूर्वांचल की विजय यात्रा में अपार जनसमर्थन से डरकर काले-कानून वापस ले ही लिए। किसान आंदोलन को गलत बताने वाले,कृषि कानून को सही ठहराने वालो के चेहरे पर कालिख लग गया। सैकड़ो किसानों की शहादत,को शहीद का दर्जा कब देंगे। किसान की जीत तब होगी जब केन्द्र व प्रदेश से भाजपा सरकार की हार होगी।
पूर्वांचल की विजय यात्रा में अपार जनसमर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए।
किसान आंदोलन को गलत बताने वाले,कृषि कानून को सही ठहराने वालो के चेहरे पर कालिख लग गया,
सैकड़ो किसानों की शहादत,को शहीद का दर्जा कब देंगे?
किसान,की जीत तब होगी जब देश व प्रदेश से भाजपा की हार होगी। pic.twitter.com/M9lXHA389o
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) November 19, 2021
जयंत चौधरी ने किसानों की जीत को बताया देश की जीत
कृषि कानून वापसी को लेकर जयंत चौधरी ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह किसान की जीत है, हम सब की जीत है। देश की जीत है। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया था यह ऐलान
मोदी ने किसानों से अपील की, आप अपने अपने घर लौटे, खेत में लौटें, परिवार के बीच लौटें, एक नई शुरूआत करते हैं। आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रद करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान पिछले एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। ये सभी किसान कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हुए थे, जिन्हें आखिरकार केंद्र की मोदी सरकार ने मान लिया है।