उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के 11 नगर निगमों में ‘आरआरआर’ केंद्र स्थापित करेगी। आरआरआर केंद्र ‘रिड्यूस, रीयूज एंड रीसायकल’ ‘मेरी लाइफ, मेरा स्वच्छ शहर’ अभियान का हिस्सा हैं। इन केंद्रों में घरों से कपड़े, किताबें, खिलौने, बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, और मशीनरी जैसी अपशिष्ट सामग्री एकत्र की जाएगी और जरूरतमंदों को बांटे जाएंगे।
अनुपयोगी वस्तुओं को एकत्र करने का भी किया जाएगा काम
ये आरआरआर केंद्र लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, आगरा, गाजियाबाद, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद और सहारनपुर नगन निगमों में स्थापित किए जाएंगे। एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, सभी चयनित 11 नगर निगमों में ‘ना थ्रो-ना थ्रो’ रथ चलाया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की राज्य मिशन निदेशक नेहा शर्मा ने कहा कि इन रथों के माध्यम से अनुपयोगी वस्तुओं को एकत्र करने का काम भी किया जाएगा।
20 मई से 5 जून तक चलेगा अभियान
इसके अलावा, ‘आरआरआर’ केंद्रों को कपड़े, किताबें, बर्तन और खिलौनों के लिए बैंकों के रूप में विकसित किया जाएगा। नगर निगम विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और अन्य संगठनों के माध्यम से इनका संचालन करेंगे। शर्मा ने कहा, अभियान 20 मई से 5 जून तक चलेगा। आरआरआर उन वस्तुओं को जमा करने के लिए एक-स्टॉप समाधान है, जो नागरिकों, संस्थानों और वाणिज्यिक उद्यमों आदि के लिए अनुपयोगी या अनुपयुक्त मानी जाती हैं। एक बार एकत्र होने के बाद, इन वस्तुओं को पुन: उपयोग के लिए नवीनीकृत या नए उत्पादों में परिवर्तित करने के लिए विभिन्न हितधारकों को सौंप दिया जाएगा।
निकायों में साफ किए गए पुराने अपशिष्ट स्थलों पर लगाया जाएगा
उन्होंने यह भी कहा कि वस्तुओं का संग्रह और वितरण केंद्रों पर स्वयंसेवकों के माध्यम से आयोजित किया जाएगा। शर्मा ने कहा कि अधिकारी ओडीओपी उत्पादों की तैयारी से उत्पन्न कचरे को भी रिसाइकिल करेंगे। इस बीच लखनऊ के कान्हा उपवन में गोबर बैंक शुरू किया जाएगा, इसमें आसपास के इलाकों से गोबर एकत्र कर उससे ईको फ्रेंडली उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इसी प्रकार लखनऊ नगर निगम में गुठली बैंक की स्थापना की जायेगी, इसमें आम जैसे फलों की गुठली एकत्रित की जायेगी। इन्हें राज्य के नगरीय निकायों में साफ किए गए पुराने अपशिष्ट स्थलों पर लगाया जाएगा।