उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रधान डाकघर से 66 लाख रुपये की जालसाजी की पुष्टि हो गई है। खाताधारकों की शिकायतों की जांच के बाद शुक्रवार तक कुल नाजायज निकासी की जानकारी मिल सकती है।
वाराणसी डाक परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल प्रणव कुमार ने सोमवार को कहा कि अब तक 150 खाताधारकों की शिकायतें मिलीं हैं। उनकी शुरुआती जांच में चार कर्मचारियों एवं एक नेशनल सेविंग (एनएस) एजेंट के शामिल होने की प्रारंभिक जानकारी मिलने के बाद उनके खिलाफ कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस मामले में चार कर्मचारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि शिकायतों की जांच गंभीरता पूर्वक की जा रही है। जांच के लिए कई विभागीय कमेटियां बनाई गई है। जो युद्धतर पर अपना काम कर रही है तथा उन्हें उम्मीद है कि शुक्रवार तक बहुत से खातों की जांच का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद ही पता चल पाएगा कि कितने खातों से नाजायज तरीके से रुपये निकाले गए हैं तथा उसके लिए कौन-कौन जिम्मेवार है।
प्रणव कुमार ने बताया कि प्रधान डाक घर से खाताधारकों के रुपये नाजायज तरीके से निकालने के मामले में कथित रुप से शामिल लिपिकों – सुनील कुमार यादव एवं विनय कुमार यादव, सुपरवाइजर राजेश कुमार और रामा शंकर लाल पर तत्काल विभागीय कार्यवाही करते हुए उन्हें पहले ही निलंबित कर दिया गया था तथा आगे की जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों की शिकायतें मिलीं हैं, लेकिन कई मामलों में शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायतें वापस ले ली हैं। एक शिकायत करने वाली महिला के खातों की जांच की गई तो पता चला कि एजेंट प्रदीप सिंह के माध्यम से डाक घर से छह लाख रुपये से अधिक की निकासी की गई है। लेकिन बाद में उसी महिला ने यह बताते हुए अपनी शिकायत वापस ले ली कि खातों से निकाली गई पूरी रकम उसे मिल गई है।
कुमार ने खाताधारकों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है, उनके साथ न्याय होगा। इस संबंध में विभागीय जांच के साथ-साथ पुलिस भी मामले की छानबीन कर रही है तथा जल्दी ही सच्चाई का पता चल जायेगा।
उन्होंने कहा कि गड़बड़ी की संभावना पास बुक का मैनुअल तरीके से रिकॉर्ड मेंटेन करने के मामलों में भी हो सकती है। क्योंकि बहुत से लोग एजेंट के माध्यम से रुपये जमा करवाते हैं तथा उसकी निकासी करते हैं।
उन्होंने कहा कि गत माह 27 अगस्त को पहली शिकायत मिली थी और तभी से शिकायत करने वालों की संख्या बढ़ रही है। ज्यादातर शिकायतें रेकरिंग खातों को लेकर आई हैं। तमाम खाताधारकों को तत्काल जानकारी उपलब्ध कराने के लिए समुचित इंतजाम किए गए हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डाकघर की ओर से जिन कर्मचारियों एवं एजेंट के बारे में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, फ़िलहाल वे लापता हैं। उनके बैंक खातों से निकासी पर रोक लगाने के लिए संबंधित बैंकों से कहा गया है।
गौरतलब है कि डाकघर से करोड़ रुपये गायब होने की खबरें आने के बाद सोमवार को शाम तक खाताधारकों की लंबी कतारें लग गई थीं। गाढ़ी कमाई गायब होने की आशंका से परेशान सैकड़ों लोगों की भीड़ शाम तक डाक घर में लगी रही। इसी तरह के मामले लखनऊ, इटावा समेत कई डाकघरों में भी प्रकाश में आए हैं।