वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी हुई है। मस्जिद परिसर के अंदर मौजूद श्रृंगार गौरी की रोज पूजा-अर्चना की मांग ने नया विवाद खड़ा कर दिया, जिसके बाद सिविल कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे। तीन दिनों तक चलने वाले इस सर्वे को दो दिनों में ही खत्म कर दिया गया। हालांकि आज कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट पेश की जाएगी।
वहीं मुस्लिम पक्षकार द्वारा कोर्ट द्वारा नियुक्त वकील कमिश्नर पर उठाए गए आपत्ति मामले पर वकील कमिश्नर और हिंदू पक्षकार को आज जवाब दायर करना है तो वहीं दूसरी तरफ हिंदू पक्षकार और वकील कमिश्नर के तरफ से कोर्ट में दलील दी जाएगी कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर और तहखाने में क्यों नहीं वीडियोग्राफी और सर्वे कर पाए?
हिंदू पक्षकार का आरोप है कि उन्हें और वकील कमिश्नर को बेरिकेडिंग के दूसरे तरफ यानी ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर और तहखाने में मुस्लिम पक्षकार के द्वारा वीडियोग्राफी और सर्वे नहीं करने दिया गया। हिंदू पक्षकार के तरफ से यह भी कहा गया है कि मुस्लिम पक्षकार ने उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर और तहखाने में अंदर जाने से यह कहते हुए रोका कि कोर्ट का ऐसा कोई आदेश नहीं है।
बता दें कि मुस्लिम पक्षकार की तरफ से वाराणसी जिला सिविल कोर्ट में वकील कमिश्नर के ऊपर आपत्ति दायर की गई है और आरोप लगाया गया है कि उन्हें वकील कमिश्नर पर भरोसा नहीं है क्योंकि वह केवल एक पक्ष की बात सुन रहे हैं।
क्या है ज्ञानवापी विवाद?
बता दें कि दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू और अन्य की दैनिक पूजा और श्रृंगार गौरी में अनुष्ठान करने की अनुमति की मांग करने वाली याचिका पर धार्मिक स्थल की वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण करने के लिए उसी कोर्ट के पहले के आदेश पर यह प्रक्रिया शुरू की है। ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर भगवान गणेश, भगवान हनुमान और नंदी स्थित हैं। उन्होंने 18 अप्रैल, 2021 को अपनी याचिका के साथ कोर्ट का रुख किया था और विरोधियों को मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने से रोकने की मांग की थी।
उनकी याचिका पर कोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर ने शुक्रवार को वाराणसी की एक कोर्ट के आदेश पर यहां ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर कुछ इलाकों की वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण किया था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट द्वारा नियुक्त आयुक्त को बदलने की याचिका दाखिल की थी, जिस पर वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में शनिवार की सुबह सुनवाई हुई। कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई के बाद अगली सुनवाई नौ मई को करने तक फैसला सुरक्षित रख लिया था।