उत्तर प्रदेश के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एवं उसके गुर्गों के साथ राज्य पुलिस की ‘मुठभेड़’ का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में इन ‘मुठभेड़’ कांडों की स्वतंत्र जांच को लेकर जहां दो जनहित याचिकाएं शनिवार को दायर की गयी, वहीं एक अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे को पत्र याचिका (लेटर पिटीशन) भी भेजी है।
पहली याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील अनूप अवस्थी ने दायर की है, जिसमें विकास दुबे और उसके गुर्गों के साथ हुई पुलिस मुठभेड़ की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से अथवा कोर्ट की निगरानी में कराये जाने की मांग की गयी है।
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अवस्थी ने अपनी याचिका में सवाल उठाया है कि क्या त्वरित न्याय के नाम पर पुलिस इस तरह कानून अपने हाथ में ले सकती है? वहीं पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने जनहित याचिका दायर करके मुठभेड़ की इन घटनाओं को विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की है।