पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वाराणसी में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की चुनावी रैली में हिस्सा लिया। रैली को सम्बोधित करते हुए टीएमसी प्रमुख ने सत्ताधारी बीजेपी पर जमकर हमला बोला। इसके साथ ही वाराणसी में हुए प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा मुझ पर हमला दिखाता है कि सत्ता की बागडोर उनके हाथ से फिसल रही है।
ममता बनर्जी ने कहा, कल जब मैं एयरपोर्ट से घाट जा रही थी, तब मैंने देखा कि कुछ बीजेपी कार्यकर्ता ‘जिनके दिमाग में गुंडागर्दी के अलावा और कुछ नहीं है’ मेरे वाहन को रोक रहे हैं। उन्होंने मेरी कार को लाठियों से मारा और मुझे वापस जाने के लिए कहा। तब मुझे एहसास हुआ कि उनके हाथ से सत्ता की डोर फिसल रही है। क्योंकि उनकी हार निकट है।
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उन्होंने कहा कि मुझ पर कई बार हमला हुआ, अतीत में मुझे गोली मारी गई और लाठियों से पीटा गया, लेकिन मैं कभी नहीं झुकी। मुझमें डर नहीं है। मैं कायर नहीं हूं। मैंने योद्धा हूं। कल जब वे मुझे घेर रहे थे, मैं अपनी कार से नीचे उतरी और उनका सामना करके देखा कि वे क्या कर सकते हैं। वे कायर हैं।
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ममता बनर्जी ने कहा, यूक्रेन में युद्ध चल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश में चुनावी सभाओं में व्यस्त हैं।आपके लिए क्या जरूरी है? अगर आपके पुतिन के साथ इतने अच्छे संबंध हैं तो आपको तो पहले से ही पता था कि युद्ध होने वाला है तब ही आप भारतीय छात्रों को क्यों नहीं लेकर आए?
नोटबन्दी और निजीकरण को लेकर BJP सरकार पर हमलावर होते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी के लोग पहले कहते थे कि हम अच्छे दिन ले आएंगे। अच्छे दिन के नाम पर रेलवे, एयरपोर्ट, बैंक बेच रहे हैं। अच्छे दिन के नाम पर नोट बंदी कर दी।
दरअसल, बुधवार रात वाराणसी पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कथित तौर पर हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्री राम’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारे के बीच काले झंडे दिखाए। ममता वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल होने गईं। घटना पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कुर्सी की जगह घाट की सीढ़ियों पर बैठकर गंगा आरती देखी।