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अमरोहा में एंबुलेंस न मिलने पर शव को बाइक पर लेकर भटकते रहे परिजन

अमरोहा के सरकारी अस्पताल का समने आया है.जहां करंट से बुरी तरह झुलसे छात्र को लेकर उसके परिजन सीएचसी पहुंचे लेकिन इलाज में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने लापरवाही दिखाई।जिसकी वजह से छात्र की जान चली गई.

सरकारी अस्पताल में लोग बड़ी उम्मीदों के साथ जाते है लेकिन जब इलाज करने वाले ही जान के दुश्मन बन जाए तो आम आदमी कहा और किसके पास अपना इलाज कराने जाएंगा। ऐसा ही एक मामला अमरोहा के सरकारी अस्पताल का समने आया है. जहां करंट से बुरी तरह झुलसे छात्र को लेकर उसके परिजन सीएचसी पहुंचे लेकिन इलाज में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने लापरवाही दिखाई। जिसकी वजह से छात्र की जान चली गई. डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद जब परिजन दूसरे अस्पताल के डॉक्टरों से सलाह करना चाहते थे तो अस्पताल के द्वारा ना तो एबुलेंस मुहैया कराई और ना ही शव वाहन।  
अस्पताल के द्वारा एंबुलेंस न मिलने पर मृतक पवन का बड़ा भाई छात्र के शव को कंधे पर रखकर बाइक से इधर से उधर भटकते रहे।आखिर में थक हार के जब परिजन शव लेकर सीएचसी पहुंचे तो मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्र के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया।
वही, दूसरी ओर करंट की चपेट में आने से छात्र की मौत के बाद गुस्से में लोगों ने स्थानीय बिजलीघर पर जमकर हंगामा किया और बिजली की लाइन को शिफ्ट कराने की मांग की।
ऐसे करंट की चपेट में आया पवन :
अहरौला तेजवन गांव का रहने वाला निवासी पवन (15 वर्ष) पुत्र गंगासहाय गुरुवार सुबह करीब सात बजे घर की छत पर खड़ा था। उसके पास आदमपुर थाना क्षेत्र के गांव दरियापुर निवासी उसका मौसेरा भाई कर्मवीर भी खड़ा था। 
जानकारी के अनुसार, इसी दौरान अचानक छत पर बंदर आ गए। पवन उन्हें भगाने लगा और वह छत के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन बिजली की लाइन की चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वही उसका मौसेरा भाई कर्मवीर भी करंट की चपेट में आकर घायल हो गया। आस-पास के लोगों ने जब शोर सुना तो लोग घटनास्थल की ओर भागे। दोनों को इलाज के लिए सीएचसी लेकर गए। जहां डॉक्टरों  ने पवन को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने पवन की जिंदगी की आस में किसी दूसरे प्राइवेट अस्पताल में दिखाने की इच्छा जताई। 
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही से पवन की मौत हुई। अस्पताल प्रशासन ने पवन को दूसरे अस्पताल तक ले जाने के लिए परिजनों को एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई। जबकि उसी वक्त अस्पताल में तीन सरकारी एंबुलेंस खड़ीं थीं।
मामले की सूचना मिलते ही पुलिस अस्पताल पहुंची और शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। फिलहाल मामले में परिजनों की तरफ से कोई शिकायत नहीं दी गई है। प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार ने कहा कि अगर परिवार की तरफ से शिकायत मिलती है, तब निष्पक्ष जांच व कार्रवाई जरूर की जाएगी। 

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